शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ की बैठक

 

हिमाचल में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान स्थापित करने के साथ ही आपदा प्रभावित स्कूलों के लिए मांगे 200 करोड़

हिमाचल में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने का भी किया आग्रह

 

शिमला। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ एक बैठक की। इस बैठक में हिमाचल में शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ ही हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था मजबूत करने, सभी बच्चों को समान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बच्चों को बेहतर पोषण और मजबूत संस्थागत बुनियादी ढांचा मजबूत करने सहित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान समग्र शिक्षा हिमाचल के निदेशक राजेश शर्मा विशेष तौर पर मौजूद रहे।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढावा देने के लिए हिमाचल में क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE) की स्थापना का प्रस्ताव रखा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तरी भारत में कोई क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE) नहीं है, जिससे शिक्षक प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में बाधा आ रही है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तरी भारत के लिए हिमाचल प्रदेश में एक क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE) स्थापित होने से शैक्षिक सहायता प्रणाली को सुदृढ़ करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार में मदद मिलेगी।

*आपदा प्रभावित स्कूलों के लिए 200 करोड़ रुपए का राहत पैकेज देने का आग्रह*
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हिमाचल में आपदा से प्रभावित स्कूलों को मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के 1,100 से अधिक स्कूलों में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है, जिससे स्कूलों में पढाई पर भी असर पड़ा है। शिक्षा मंत्री ने 200 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की मांग की ताकि क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को तुरंत ठीक किया जा सके और आपदा प्रबंधन योजना बनाई जा सके।

*केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने का आग्रह*
शिक्षा मंत्री ने हिमाचल में केंद्रीय विद्यालयों की संख्या बढ़ाने का भी आग्रह किय़ा।उन्होंने कहा कि हिमाचल के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों के बच्चों को कनेक्टिविटी व परिवहन की समस्या के करारण केंद्रीय विद्यालय तक पहुंच नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार से हिमाचल में नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग की गई है।

*मिड-डे मील वर्करों की संख्या बढ़ाने की मांग*
शिक्षा मंत्री ने हिमाचल के स्कूलों में चल रही मिड डे मील के के वर्करों की सख्या बढाने का मामला केंद्रीय मंत्री के सामने राखा। मौजूदा समय में वर्करों और छात्रों 1:25 के अनुपात से वर्करों की नियुक्ति की जाती है, शिक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे दुर्गम पहाड़ी परिस्थितियों को देखते हुए यह अनुपात पर्याप्त नहीं है, इसे 1:15 किया जाना चाहिए ताकि भोजन की गुणवत्ता में सुधार हो और बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके।
शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से मिड डे मील वर्करों का मानदेय बढ़ाने की मांग की। केंद्र सरकार की मिड डे मील योजना के तहत वर्करों को हर माह 1000 रुपए देने का प्रावधान है, जिसको केंद्र व राज्य सरकार 90ः10 अनुपात में वहन करना होता है। शिक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि मंहगााई के इस दौर में यह बहुत कम है, यही वजह है कि राज्य सरकार अपनी ओर से इनको 4500 रुपए दे रही है, केंद्र सरकार इसको 90ः10 फीसदी अनुपात में वहन करे।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री से हिमाचल सरकार द्वारा चलाई जा रही पोषाहार योजना को मजबूत करने के लिए 5 फीसदी के हिसाब से फ्लेक्सी फंड से सालाना 5.72 करोड़ रुपए के बजट की मांग की है। हिमाचल सरकार इस योजना पर सालाना अपने बजट से 17 करोड़ सालान खर्च कर रही है। इस योजना के तहत हिमाचल के 5.13 करोड स्कूली बच्चों को उनका पोषण स्तर सुधारने के लिए अंडे और मौसमी फल आहार में दे रही है।

*प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (PM-USHA) के तहत फंड जारी करने की मांग*
शिक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत हिमाचल के लंबित 59.5 करोड़ की राशी जारी करने की भी मांग की। हिमाचल को इस योजना के तहत 310 करोड़ रुपए का अनुदान उच्च शिक्षा के सुधार के लिए मिला था, जिसमें से अब तक 250.5 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। इनमें से ₹249 करोड़ खर्च हो चुके हैं, जबकि शेष ₹59.5 करोड़ अब भी जारी होने बाकी हैं। इसे जल्द जारी करने की मांग रखी गई ताकि उच्च शिक्षा को और मजबूती दी जा सके।

*स्कूली बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध कराने का किया आग्रह*
शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से स्कूली बच्चों के लिए यूनिफार्म उपलब्ध कराने का आग्रह किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कक्षा 1 से 8 तक के 89,000 छात्रों को यूनिफॉर्म न मिलने के कारण उनकी उपस्थिति और आत्मविश्वास पर असर पड़ रहा है। खासकर, सामान्य वर्ग के बच्चों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार ने अनुरोध किया कि सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म उपलब्ध कराई जाए, जिससे सभी बच्चों को समान अवसर मिल सके और शिक्षा व्यवस्था समावेशी बने।

शिक्षा मंत्री ने हिमाचल में अटल आदर्श विद्यालयों के बुनियादी बुनियादी ढांचे के लिए ₹62.92 करोड़ का फंड जारी करने की मांग की।

*प्रत्येक जिले में एक बोर्डिंग स्कूल की स्थापना*
शिक्षा मंत्री ने केंद्र सरकार से बोर्डिंग स्कूलों की स्थापना के लिए भी केंद्रीय मदद मांगी।शिक्षा मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के लिए, हिमाचल प्रत्येक जिले में 500 बच्चों की क्षमता वाले एक बोर्डिंग स्कूल स्थापित करने की योजना बना रहा है। प्रत्येक स्कूल की लागत लगभग 48 करोड़ रुपए होगी, जिससे कुल खर्च 552 करोड़ रुपए तक पहुंचेगा। इन स्कूलों में आधुनिक बुनियादी ढांचा, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
ये स्कूल ग्रामीण और वंचित छात्रों के लिए समर्पित होंगे, जहां समग्र शिक्षा, कौशल विकास और समान अवसर प्रदान किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य शैक्षिक असमानताओं को कम करना, शिक्षा में उत्कृष्टता सुनिश्चित करना और एक व्यवस्थित वातावरण में समग्र विकास को बढ़ावा देना है। भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, ये स्कूल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने में मदद करेंगे और पूरे राज्य में एक सतत, समावेशी और सुलभ शिक्षा प्रणाली का निर्माण करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में सुधार की मांग की और इसके लिए केंद्र सरकार से 90ः10 के अनुपात में केंद्र सरकार से धनराशि जारी करे की मांग की, ताकि छात्रवृत्ति समय पर उपलब्ध हो सके और उनकी पढ़ाई में कोई बाधा न आए।

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं और एक समग्र रणनीति बनाई जाए, जिससे राज्य के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मिड डे मील वर्करों का मानेदय और स्कूली बच्चों को यूनिफार्म देने के मसले पर कहा कि ये पालिस मैटर है। उन्होंने कहा कि इन मांगों पर साहनुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने हिमाचल की ओर से रखी सभी मांगों पर विचार करने का भरोसा दिया।

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