शिमला, 07 मई। हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन बहाली के लिए एनपीएस कर्मचारी संघ ने प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार का आभार जताया है। संघ का कहना है कि यह उनके लंबे संघर्ष की जीत है। संघ ने नई पेंशन योजना में केंद्र के पास जमा रकम की वापसी के लिए लड़ाई लड़ने और रोड मैप तैयार करने बात कही है। एनपीएस फंड के तहत केंद्र के पास कर्मचारियों की करीब 8 हज़ार करोड़ की राशि जमा है।
शिमला में रविवार को प्रेस वार्ता में एनपीएस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि एनपीएस का पैसा केंद्र से वापिस लाने के लिए प्रदेश सरकार भी लगातार प्रयास कर रही है। अगर पैसा वापिस नही मिलता है तो कर्मचारियों ने ओपीएस के लिए भी संघर्ष किया है और यह संघर्ष दिल्ली की और बढ़ेगा तथा इसके लिए रणनीति तैयार की जाएगी।
उनका कहना है कि लंबे संघर्ष के बाद एनपीएस कर्माचारियों के लिए ओल्ड पेंशन बहाल हो पाई है। लंबे समय से उनकी मांग नहीं सुनी जा रहीं थीं, जबकि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने पर अपना वायदा पूरा किया।
उन्होंने कहा कि 60 दिन का समय ओपीएस या एनपीएस को चुनने का कर्मचारियों के पास है। सभी कर्मचारी ओपीएस को चुनेंगे।
प्रदीप ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग आज भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ओपीएस का गलत प्रचार कर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह हुबहू पुरानी पेंशन है और जल्द ही कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट खोल दिए जाएंगे। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों से पुरानी पेंशन योजना या नई पेंशन स्कीम में से एक का विकल्प को चुनने के लिए साठ दिनों का समय दिया है। कर्मचारियों द्वारा अपने विभाग में यह विकल्प दिए जा रहे हैं l राज्य अध्यक्ष ने प्रदेश के कर्मचारियों से अपील की है कि जल्द से जल्द वह ओपीएस से संबंधित विकल्प दे दे।