शिमला, 10 मई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कैंसर के मामलों में वृद्धि दर देश के 0.6 प्रतिशत के मुकाबले 2.2 प्रतिशत है और उत्तर-भारत में इसके सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। प्रदेश में उच्च स्तरीय कैंसर उपचार सुविधाएं प्रदान करने को राज्य सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विकिरण एवं कैंसर विज्ञान (रेडिएशन एवं ऑन्कोलॉजी) विभाग के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के प्रमुख डॉ. जी.के. रथ के साथ एक बैठक में यह बात कही।
बैठक में हिमाचल में कैंसर उपचार सुविधाओं एवं समग्र स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई। औसतन लगभग 8500 मामले प्रतिवर्ष सामने आते हैं और विभिन्न कारणों से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश कैंसर मामलों का पता नहीं चल पाता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हर क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा हमीरपुर में केंद्र सरकार से वित्त पोषित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं।
उन्होंने इस घातक बीमारी के प्रति जन-जागरूकता पर विशेष बल दिया और इस दिशा में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के सहयोग से कैंसर जागरूकता कार्यक्रम एवं कार्याशालाएं आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने कैंसर के लिए अधिक जांच एवं इसकी पहचान की आवश्यकता पर बल दिया ताकि शुरूआती चरण में ही इस रोग का उपचार उपलब्ध करवाया जा सके।
इसके अतिरिक्त उन्होंने स्वस्थ भविष्य के दृष्टिगत किशोरियों के स्वास्थ्य टीकाकरण के लिए एक पायलट परियोजना शुरू करने की संभावना के बारे में भी चर्चा की।
डॉ. रथ ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि 50 प्रतिशत कैंसर रोगों का उपचार संभव है। उन्होंने कैंसर के उपचार की नवीनतम तकनीकों के बारे में भी जानकारी प्रदान की।