शिमला, 12 मई। समर सीजन में राजधानी शिमला में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। शहर में एक टायर की दुकान/गोदाम में भीषण आग लग जाने के कारण भारी नुकसान हो गया। अग्निकांड की घटना गुरुवार मध्य रात्रि उपनगर ढली में हुई। अग्निकांड के दौरान गोदाम के स्टोर में सो रहा नेपाली मूल का एक युवक झुलसा है। उसका आइजीएमसी में उपचार चल रहा है। इस अग्निकांड में करीब तीन हज़ार नए-पुराने टायरों के अलावा कुछ उपकरण भी जल गए। करीब 50 लाख की संपति के खाक होने का अनुमान है। शॉर्ट सर्किट को आग लगने का संभावित कारण बताया जा रहा है।
अग्निकांड की तह घटना ढली में शिमला-रामपुर नेशनल हाइवे किनारे देवेंद्र सिंह राठौर एंड बर्दर्ज़ के चार मंजिला भवन में हुई। इस भवन के छह कमरे आग से क्षतिग्रस्त हो गए। भवन में बने तीन छोटे गोदामों में आधी रात को अचानक आग लग गई। इस आग की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस आग को काबू पाने के लिए शहर के सभी अग्निशमन केंद्रों से दमकल वाहन बुलाए गए। दमकल कर्मियों को तीन घंटे से ज्यादा का समय आग पर काबू पाने में लगा और इतनी देर में दुकान में रखा लाखों रुपए का माल खाक हो चुका था।
इस भीषण आग को बुझाने में मॉल रोड, छोटा शिमला और बालूगंज अग्निशमन केंद्रों से चार दमकल वाहन जुटे, तब जाकर कहीं तीन घंटे की मशक्कत के बाद इस आग पर काबू पाया जा सका। 20 से 30 फुट ऊंची उठ रही आग की लपटों ने तब तक दुकान में रखा सब कुछ खाक कर दिया। दमकल वाहन आज सुबह भी घटनास्थल पर मौजूद हैं। स्टेशन फायर ऑफिसर मॉल रोड मनशा राम ने बताया कि बीती रात 12 बजकर 5 मिनट पर आग लगने की सूचना मिली थी। इसके बाद मौके पर दमकल वाहन रवाना कर दिए गए थे। तीन घण्टे में आग पर काबू पाया गया। उन्होंने बताया कि अग्निकांड में 50 लाख की संपति जल कर खाक हुई है, वहीं दमकल कर्मियों ने चार करोड़ की संपति को जलने से बचाया।
ढली के एसएचओ हरि चंद ने बताया कि आग के कारणों की पड़ताल की जा रही है। एफएसएल टीम ने घटनास्थल का दौरा किया है।
बता दें कि शहर में तीन हफ्ते के भीतर अग्निकांड की ये चौथी घटना है। अप्रैल माह के अंतिम हफ्ते में आईजीएमसी अस्पताल के न्यू ओपीडी भवन में भीषण आग लगने से डॉक्टरों के पांच कमरे और कैंटीन जल गई थी। इसके बाद ऐतिहासिक रिज मैदान से सटे चहल-पहल वाले लक्कड़ बाजार में बेकरी की दुकान आग से खाक हो गई। कल शाम अति व्यस्त लोअर बाजार में रजाई व गद्दों की एक दुकान में आग लगने से हज़ारों का माल राख हो गया था।