SHIMLA. शिमला शहर में आवारा कुत्तों की समस्या एक बार फिर सुर्खियों में है। बुधवार को शिमला के ढली में 8 साल के बच्चे को कुत्तों के झुंड ने बुरी तरह घायल कर दिया। इस घटना ने न केवल स्थानीय नागरिकों को झकझोर दिया, बल्कि नगर निगम की समस्या से निजात दिलाने के कई वर्षों से किए जा रहे दावों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फ़ोर्स ने शिमला नगर निगम की लापरवाही पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में ऐसी घटना पेश आती है तो उनकी संस्था नगरी में के खिलाफ FIR दर्ज करवाएगी।
एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल फ़ोर्स के अध्यक्ष नाथूराम चौहान ने निगम शिमला को आड़े हाथ लिया है। नगर निगम शिमला की जिम्मेदारी है शहर में लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाना लेकिन शिमला शहर में बंदरों और कुत्तों का आतंक दिनों दिन बढ़ रहा है बीते कल नगर निगम के हाउस में इस समस्या को लेकर हुए हंगामा के बीच महापौर बार-बार यह कहते नजर आए कि यह घटना रोज की बात है। नाथूराम चौहान ने महापौर के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी को मानते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने शिमला में असुरक्षित घोषित बिल्डिंगों का भी मुद्दा उठाते हुए असुरक्षित घोषित बिल्डिंग को कागजों में सुरक्षित बिल्डिंगों में कन्वर्ट करने की बात कही है। नगर निगम शिमला किन नियमों के तहत यह कर रहा है यह कहना मुश्किल है। जबकि वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार शिमला शहर में 130 के करीब असुरक्षित भवन थे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के भूकंप अथवा अन्य प्राकृतिक आपदा के समय यह असुरक्षित भवन अन्य सैकड़ो भवनो के लिए खतरा बने हुए हैं।