शिमला। आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल, विधि मंत्री यादविंद्र गोमा और उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने आज यहां जिला शिमला से सरकारी कार्यालयों को जिला कांगड़ा स्थानांतरित करने के सरकार के निर्णय की सराहना की और इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने जिला शिमला स्थित वन विभाग के वन्य जीव विंग को जिला कांगड़ा के धर्मशाला स्थित सीपीडी केएफडब्ल्यू परियोजना कार्यालय भवन में स्थानांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के मुख्यालय को भी शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि इन कार्यालयों के स्थानांतरण से प्रदेश की राजधानी में भीड़भाड़ की समस्या के समाधान के साथ-साथ कांगड़ा में समान विकास सुनिश्चित होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लिए गए यह फैसले मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की प्रदेश के प्रति सर्वांगीण एवं समान विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने जिला कांगड़ा के चहुंमुखी विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांगड़ा के बनखंडी में दुर्गेश अरण्य वन्य प्राणी उद्यान स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में ढगवार में 225 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन से 3 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की आधारशिला रखी है।
पौंग जलाशय में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें मोटर बोट, जैट-स्की, क्रूज आदि सुविधाएं शामिल हैं। कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है। इन निर्णयों से निकट भविष्य में जिले में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, स्थानीय युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
उन्होंने कहा कि विगत में राज्य में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान जिन महत्वपूर्ण कार्यालयों को ज़िला कांगड़ा में स्थानांतरित किया गया था, उसमें हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड भी शामिल है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी पहली बार कांग्रेस के शासनकाल में आयोजित किया गया था।