डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक

शिमला। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज यहां देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में देवभूमि क्षत्रिय संगठन द्वारा प्रस्तुत विभिन्न बिंदुओ पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
इस अवसर पर डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार संविधान के विभिन्न प्रावधानों के तहत समाज के सभी वर्गों के कल्याण व उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है तथा समाज के सभी वर्गों का समावेशी विकास सुनिश्चित बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शपथ ग्रहण करते ही सर्वप्रथम बालिका आश्रम टुटीकंडी का दौरा किया था तथा समाज के उन बच्चों के लिए एक ऐसी योजना लेकर आए, जिनकी देखभाल करने वाला कोई अपना नहीं था।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के माध्यम से प्रदेश में हजारों अनाथ व बेसहारा बच्चों का प्रदेश सरकार पालन-पोषण कर रही है, जिनके अभिभावक जीवित नहीं हैं। ऐसे बच्चों के लिए प्रदेश सरकार ही माता-पिता की भूमिका निभा रही है तथा उन्हें ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के समाज के विभिन्न वर्गों के उत्थान व कल्याण के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि देवभूमि क्षत्रिय संगठन द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न बिंदुओं पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार-विमर्श करेगी तथा इस बारे मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाया जाएगा ताकि इस दिशा में कुछ निर्णायक कदम उठाए जा सकें।
इससे पहले, देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने अपनी विभिन्न मांगों बारे मांगपत्र प्रस्तुत किया तथा इसपर विस्तृत विचार-विमर्श करने का आग्रह किया।
बैठक में सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग आशीष सिंघमार, सचिव सामान्य प्रशासन राजेश शर्मा, निदेशक ईसोमसा सुमित खिमटा सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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