HPPCL चीफ़ इंजीनियर विमल नेगी की मौत का मामला फिर गर्माया, परिजनों ने प्रदेश सरकार पर मामले में संदेहपूर्ण और पक्षपात का रवैया अपनाने का आरोप लगाया

शिमला। विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच के कार्यकारी अध्यक्ष भगत सिंह नेगी ने कहा कि विमल नेगी मामले में प्रदेश सरकार का रवैया नितांत पक्षपात और संदेहपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह मामला आत्महत्या नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या का है. सरकार के भीतर भ्रष्टाचारियों और माफियाओं के गठजोड़ के चलते निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है. परिवार और जनजातीय समाज के लोग मामला CBI को सौंपने की मांग कर रहे हैं. इस प्रकरण को देखते हुए एक राज्य स्तरीय विमल नेगी जनजातीय न्याय मंच की स्थापना की गई है. यह मंच पूरी तरह से गैर-राजनीतिक होगा और जनजातीय लोगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ काम करेगा. उन्होंने कहा कि मंच ने न्यायालय से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद जताई है. उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार मामले की जांच CBI को सौंपने क्यों हिचकिचा रही है.

विमल नेगी के मामा राजिंदर नेगी ने कहा कि सरकार ने 15 दिनों में’ निष्पक्ष जांच के आश्वासन दिया था. 58 दिन बीत गए हैं लेकिन ACS के अधीन हुई जांच की रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं की गई है. परिवार ने RTI से रिपोर्ट की कॉपी परिवार को देने की मांग की थी. राजिंदर नेगी ने बताया कि पुलिस ने विमल नेगी का मोबाइल बरामद किया, लेकिन यह जानकारी परिवार से छुपाई गई. मोबाइल मिलने की बात न्यायालय से पता चली. पेनड्राइव जैसे महत्वपूर्ण सबूतों का कहीं कोई उल्लेख नहीं है. सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और सबूत मिटाने की आशंका बढ़ती है. उन्होंने कहा कि पुलिस पर सरकार का दबाव स्पष्ट दिखता है. परिवार ने अब न्यायालय से निष्पक्ष जांच की मांग की और मामला CBI को सौंपने की अपील की है.

 

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