जाइका वानिकी और और एनआरएम परियोजनाओं की तीन दिवसीय कार्यशाला शिमला में 24 से

शिमला, 20 मई।  जाइका द्वारा वित्तपोषित वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं की 12वीं वार्षिक कार्यशाला का आयोजन 24 से 26 मई तक शिमला में होगा।
इस तीन दिवसीय कार्यशाला में भारत सरकार के अधिकारी, पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग, विभिन्न राज्यों के सचिव, प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं वन बल प्रमुख, विभिन्न राज्यों के जाइका द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं के मुख्य परियोजना निदेशक, हिमाचल प्रदेश वन और अन्य विभागों के आला अधिकारी भाग लेंगे।
जाइका के एक प्रवक्ता ने बताया कि कार्यशाला का मुख्य विषय सतत वन प्रबंधन के बीच तालमेल सुधारना, जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं, आजीविका विकास और जलवायु परिवर्तन की दिशा में योगदान के लिए डिजिटल परिवर्तन करना रहेगा।
उन्होंने कहा कि भारत में जाइका के मुख्य प्रतिनिधि सैटो मित्सुनोरी और उनकी टीम कार्यशाला में भाग लेंगे और विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। कार्यशाला के दौरान तीन सत्र  होंगे, जिसमें सतत वन प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं, डिजिटल परिवर्तन और आजीविका विकास शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि यह हिमाचल प्रदेश के लिए जाइका वानिकी परियोजना की सफलता की कहानियों, आजीविका विकास, मिट्टी और जल संरक्षण, गुणवत्तायुक्त नर्सरी उत्पादन, डिजिटल परिवर्तन एवं पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन से सम्बंधित सामाजिक भागीदारी को प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के दौरान  अन्तर्राष्ट्रीय  ख्याति प्राप्त प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा जलवायु परिवर्तन, सतत वन प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और आजीविका विकास जैसे क्षेत्रों में पेश की जाने वाली प्रस्तुतियों से जाइका परियोजना  के वित्तपोषण से सम्बंधित  एजेंडे को निर्धारित किया जाएगा। जाइका ने  इस तरह के संगठन न केवल भारत अपितु अन्य देशों में भी विकसित किये हैं।

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