ब्रॉडबैंड इंटरनेट से हाई-टेक बनेंगे हिमाचल के स्कूल

 

समग्र शिक्षा और बीएसएनएल के बीच हुआ महत्वपूर्ण समझौता

ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी को लेकर एमओयू स्कूली शिक्षा के लिए एतिहासिकः राजेश शर्मा

शिमला। हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा सुनिश्चित करने के लिए समग्र शिक्षा और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के बीच सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ। समग्र शिक्षा की ओर से राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा और बीएसएनएल की ओर से राजकुमार, डीजीएम ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत राज्य के ग्रामीण सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) तकनीक के माध्यम से इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। इस मौके पर स्कूली शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, समग्र शिक्षा के अधिकारी, कोर्डिनेटर और बीएसएनएल के अधिकारी मौजूद रहे।
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने इस समझौते को हिमाचल की स्कूली शिक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से स्कूलों में आईसीटी, आईटी तथा स्मार्ट क्लास जैसे डिजिटल नवाचारों को प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सकेगा। साथ ही, मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति के मॉनिटरिंग संबंधी निर्देशों को सुचारू रूप से लागू करने में भी इससे मदद मिलेगी।
राजेश शर्मा ने कहा कि इस पहल के तहत राज्य के 2809 ग्रामीण सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को शामिल किया गया है। इनमें से लगभग एक हजार स्कूल पहले से ही इंटरनेट से जुड़े हुए हैं, लेकिन अब उनकी मौजूदा कनेक्टिविटी को भी ब्रॉडबैंड इंटरनेट से अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्रालय और संचार मंत्रालय इस योजना को सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (भारत फाइबर) द्वारा ब्रॉडबैंड की स्थापना और कनेक्टिविटी की लागत वहन की जाएगी, जबकि मासिक उपयोग शुल्क केंद्र सरकार की ओर से कंपोजिट ग्रांट के माध्यम से प्रदान किया जाएगा, ताकि स्कूलों पर कोई अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में फिलहाल इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है, वहां फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है और आगामी कुछ महीनों में वहां भी इंटरनेट सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। राजेश शर्मा ने विश्वास व्यक्त किया कि यह समझौता हिमाचल प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को तकनीकी रूप से अधिक सक्षम और प्रभावी बनाएगा।

स्कूलों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने का समझौता महत्वपूर्णः सीजीएम
इस अवसर पर बीएसएनएल हिमाचल के सीजीएम अनिल कुमार गुप्ता ने बताया कि भारत नेट परियोजना के तहत देश भर की ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। हिमाचल में भी करीब 20 हजार किलोमीटर की ऑप्टिकल फाइबर लाइनें लगभग 2100 करोड़ रुपये की लागत से बिछाई जा रही हैं। उन्होंने समग्र शिक्षा के साथ हुए इस समझौते को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इससे स्कूलों को निर्बाध हाईस्पीड इंटरनेट सुविधा मिल सकेगी। प्रदेश में पहले ही लगभग एक हजार स्कूलों में इंटरनेट कनेक्शन हैं और करीब 400 अन्य स्कूलों की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। शेष स्कूलों में भी रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि बीएसएनएल बेहतर ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा के साथ-साथ ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र भी विकसित करेगा, ताकि किसी भी तकनीकी समस्या का त्वरित समाधान हो सके।

शैक्षणिक, प्रशासनिक और डेटा प्रबंधन से जुड़े कार्यों में मिलेगी मदद
ब्रॉडबैंड सुविधा से स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियां जहां डिजिटल होंगी, वहीं उपस्थिति प्रणाली और अन्य रिकॉर्ड प्रबंधन भी अधिक सहज और प्रभावशाली हो सकेंगे। छात्र टैबलेट, कंप्यूटर लैब और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं का उपयोग कर ऑनलाइन शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच बना सकेंगे, जिससे उनकी सीखने की क्षमता में वृद्धि होगी। साथ ही उन्हें डिजिटल परीक्षाओं, अभ्यास सामग्री और प्रोजेक्ट कार्यों में भी सुविधा मिलेगी। हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्य में, जहां भौगोलिक परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, वहां यह सुविधा शैक्षणिक, प्रशासनिक और डेटा प्रबंधन से जुड़े कार्यों में अत्यंत सहायक सिद्ध होगी। इससे न केवल शिक्षकों का कार्य सरल होगा, बल्कि हिमाचल के छात्र भी इस डिजिटल युग में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए अधिक सक्षम बन सकेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *