नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत किसानों से संवाद किया। 15 दिवसीय इस अभियान की शुरुआत 29 मई को ओडिशा से हुई थी, जो 12 जून तक चलेगा। अब-तक 11 दिनों में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न राज्यों जिसमें ओडिशा के साथ-साथ जम्मू, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश शामिल हैं, का दौरा कर लाखों किसानों से संवाद किया है। इसी कड़ी में आज उन्होंने बेंगलुरु में किसानों से बातचीत की।
शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि बेंगलुरु के भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान में आकर गर्व महसूस हो रहा है। शोध के क्षेत्र में वैज्ञानिकों के प्रयास सराहनीय हैं। बेंगुलरु ग्रामीण और आस-पास के क्षेत्रों में बागवानी में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। किसानों ने स्वयं भी कई प्रकार के शोध व प्रयोग करके कृषि नवाचार में नए अध्याय जोड़े हैं। आज मैंने ‘कमलम’ (ड्रैगन फ्रूट) की खेती देखी। ‘कमलम’ की खेती के बारे में किसानों ने अऩुभव साझा किए। मुझे जानकारी मिली की ‘कमलम’ की खेती में पहले दो वर्ष तक उतना फायदा नहीं होता, लेकिन तीसरे साल के बाद 6 से 7 लाख रुपये आसानी से बचाए जा सकते हैं। टमाटर के खेतों का भी भ्रमण किया मुझे किसान भाइयों ने ही बताया, कई बार कीमतों में उतार-चढ़ाव के बाद भी 3 से 4 लाख रुपये प्रति एकड़ कमाया जा सकता है।
शिवराज सिंह ने कहा कि ‘लैब से लैंड’ जुड़ना जरूरी है। रिसर्च की रीयल टाइम में किसानों तक पहुंच हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जलवायु और क्षेत्र की विशेषता के अनुसार फलों, सब्जियों और फसलों की उपज की सही जानकारी किसानों तक पहुंचनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना की है। इसलिए विकसित भारत के लिए विकसित कृषि और समृद्ध किसान जरूरी है। बिना कृषि के विकास संभव नहीं है। आज भी 50 प्रतिशत आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। जीडीपी में 18 प्रतिशत हिस्सेदारी कृषि क्षेत्र की है। साथ ही इस वर्ष चौथी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7.5 प्रतिशत है, जिसमें कृषि का योगदान 5.4 प्रतिशत है। कृषि में 1 या 2 प्रतिशत की विकास दर बड़ी मानी जाती है। उस लिहाज में यह समझा जा सकता है कि किस प्रकार हम कृषि क्षेत्र में उन्नति के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मैं किसान भाइयों-बहनों को प्रणाम करता हूं, वह चमत्कार कर रहे हैं। लेकिन आगे भी अनंत संभावनाएं हैं।