लाहौल में मत्स्य संपदा संवर्धन की दिशा में बड़ा कदम, 10,000 ट्राउट बीजों का संग्रहण,,ट्राउट फार्म पतलीकूहल ने की पहल, स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा

लाहौल-स्पीति। हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग के उपनिदेशक कार्यालय ट्राउट फार्म पतलीकूहल द्वारा आज जिला लाहौल-स्पीति के विभिन्न जल स्त्रोतों में ब्राउन ट्राउट और रेनबो ट्राउट प्रजातियों के 10,000 मत्स्य बीजों का सफलतापूर्वक संग्रहण किया गया। इसका उद्देश्य क्षेत्र में मत्स्य आखेट (फिशिंग) की संभावनाओं को बढ़ावा देना और स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।

संग्रहण के अंतर्गत लगभग 1,500 मत्स्य बीज शिशु झील में, 3,000 गोशाल गांव में, 3,000 जिस्पा क्षेत्र की भागा नदी में और शेष 2,500 दीपक ताल झील में डाले गए। इस मौके पर संबंधित ग्राम पंचायतों — शिशु, गोशाल और जिस्पा — के पदाधिकारी, स्थानीय निवासी तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उक्त अवसर पर उपनिदेशक अरुण कांत, मत्स्य अधिकारी गोपाल चौहान तथा उप निरीक्षक देव राज ने पूरे कार्यक्रम का पर्यवेक्षण किया। उपनिदेशक ने स्थानीय लोगों और पंचायत पदाधिकारियों से अवैध शिकार रोकने के लिए पूर्ण सहयोग की अपील करते हुए कहा कि जल संसाधनों का संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है।

हिमाचल प्रदेश के निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य अधिकारी विवेक चंदेल ने कहा कि विभाग मत्स्य संरक्षण और मत्स्य उत्पादन को लेकर पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर प्रदेश के विभिन्न नदी-नालों और झीलों में मत्स्य बीज का संग्रहण किया जाता है ताकि जैव विविधता को बनाए रखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।

यह पहल न केवल प्राकृतिक संसाधनों की समृद्धि सुनिश्चित करेगी, बल्कि लाहौल घाटी को एक प्रमुख मत्स्य आखेट गंतव्य के रूप में भी विकसित करने में सहायक होगी।

 

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