शिमला। देश की राजधानी नई दिल्ली में नवम्बर में प्रस्तावित मुख्य सचिवों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए गठित वर्किंग ग्रुप की पहली परामर्श बैठक नई दिल्ली में हुई। केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने इस बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वर्किंग ग्रुप के लिए चयनित विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश की तरफ से इस बैठक में समग्र शिक्षा के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेश शर्मा ( आईएफएस) शामिल हुए। वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक में मुख्य सचिवों के 5 वें राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।।
बैठक में डीओएसईएल के अतिरिक्त सचिव अनिल सिंघल ने बैठक भाग लेने वाले मंत्रालयों के लिए तैयार किए गए दिशा-निर्देश को वर्किंग वर्किंग ग्रुप के साथ साझा किए। बैठक में कार्य समूह के सदस्यों ने राष्ट्रीय विकास की दिशा में एक सहयोगी प्रयास सुनिश्चित करने के लिए चर्चा की। इस बैठक के एजेंडे में स्कूली शिक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से “स्कूलिंग: बिल्डिंग ब्लॉक्स” नामक एक अवधारणा नोट तैयार करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
वहीं भारत के लिए विकसित भारत 2047 के अपने विजन को साकार करने के लिए एक मजबूत और उच्च गुणवत्ता वाली स्कूली शिक्षा प्रणाली पर भो जोर दिया गया। बैठक में स्कूली शिक्षा को मजबूत करने और विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के लिए गंभीर चर्चा की।
दरअसल नवम्बर माह में नई दिल्ली में देश के मुख्य सचिवों का 5 वां राष्ट्रीय सम्मेलन प्रस्तावित है। इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” पर ध्यान केंद्रित करना है। इस सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा, कौशल विकास और अनुसंधान में कार्रवाई योजनाओं को विकसित करना है ताकि भारत की कार्यबल को तकनीकी प्रगति के लिए तैयार किया जा सके। सम्मेलन के लिए देश के कुछ राज्यो का कौर ग्रुप बनाया गया है। जिसमें हिमाचल प्रदेश भी शामिल है ओर हिमाचल प्रदेश की तरफ से समग्र शिक्षा के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेश शर्मा को जिम्मेवारी दी गई है।