केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने योग को प्रतिदिन की दिनचर्या बनाने का आह्वान किया

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधिकारियों-कर्मचारियों तथा किसान भाइयों-बहनों व लखपति दीदियों के साथ आज नई दिल्ली स्थित पूसा कैंपस में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाभ्यास किया।

इस अवसर पर  शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शरीर को स्थिर और स्वस्थ रखना ही आसन है। योग की लंबी व्याख्या नहीं करूंगा। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी हमारे सामने उदाहरण स्वरूप हैं 24 घंटे, सातों दिन और 12 महीने सक्रिय रूप से काम में व्यस्त रहते हैं। बिना थके, बिना रुके एक देश से दूसरे देश और एक राज्य से दूसरे राज्य का दौरा करते हैं। यह योग का ही चमत्कार है। उन्होंने कहा कि अपने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा करते हुए बताना चाहता हूं कि वर्ष 1998 के अंत में एक भयानक दुर्घटना के कारण मैं गंभीर रूप से घायल हो गया था। शरीर के आठ हिस्सों में चोट आई थीं। मैं कल्पना भी नहीं कर पा रहा था कि मैं दोबारा सामान्य रूप से कभी चल भी पाऊंगा। तब योग ने ही मेरे जीवन में परिवर्तनीय भूमिका निभाई। योग के लाभ से ही आज मैं सामान्य रूप से स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा हूं। पुरानी चोट का कोई प्रभाव महसूस नहीं होता।

शिवराज सिंह चौहान ने आह्वान किया कि बाकि चीजों की तरफ ना भी जाएं, तो स्वस्थ और प्रसन्न रहने के लिए ही सही, योग को सिर्फ एक दिन औपचारिकता मात्र नहीं बल्कि अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। योग जीवन का अंग बने, इस प्रयास की ओर बढ़ें। उन्होंने कहा कि योगासन करते थोड़ी सतर्कता भी रखें। केवल सही प्रशिक्षक और विशेषज्ञ की देखरेख में ही आसन करने को प्राथमिकता दें। उचित जानकारी के अभाव में कोई विपरीत प्रभाव ना पड़े, इसका ध्यान रखें।

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