नशे के खिलाफ संघर्ष में मीडिया का योगदान अहमः राज्यपाल शुक्ल

शिमला, 25 मई । राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि स्वतंत्र पत्रकारिता भारत का अंग रही है। मीडिया ने पत्रकारिता के उच्च मूल्यों को स्थापित कर आदर्श स्थापित किया है।
राज्यपाल गुरुवार को शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में ‘‘भारत की आजादी के 75 वर्षों में पत्रकारों का योगदान’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि दुनिया में अगर कहीं आदर्श पत्रकारिता जीवित रही तो केवल भारत वर्ष में।

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल आने से पूर्व वह देवभूमि का भाव लेकर यहां आए थे। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि आज यहां नशे के अवैध धंधे के कारण कई परिवार पीड़ित हैं। इस बुराई के खिलाफ संघर्ष करने के लिए पत्रकारों को आगे आने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि नशे के अवैध धंधे में संलिप्त व्यक्तियों को सामने लाने के लिए निर्भिकता से पत्रकारिता करने की आवश्यकता है। यही प्रदेश की प्रगति में उनका महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि पत्रकार ही लोगों को बुराई के खिलाफ संघर्ष का साहस दे सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है क्योंकि समाज के प्रश्नों के उत्तर ही एक पत्रकार चाहता है। मीडिया के द्वारा समाज को जो विचार और समाचार प्रस्तुत होते हैं, समाज उसपर मंथन करता है और अपनी राय बनाता है। उन्होंने कहा कि देश में ऐसे कई प्रगतिशील लेखक, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने पत्रकारिता की मशाल जलाये रखी और देश को लेखन के माध्यम सेे आजाद करवाने में सफल हुए।

शुक्लने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी, बाबूराव विष्णु पराड़कर, तिलक, राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी, बाल मुकुंद गुप्त जैसे सैंकड़ों पत्रकार हैं जो आज भी देश हित से जुड़ी पत्रकारिता के आदर्श हैं और युगों से नई पीढ़ी को पत्रकारिता के मिशन के रूप की याद दिलाते आए है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के बावजूद वे गांधी जी को उनके विचारों व लेखन के कारण लोगों के दिलों से नहीं निकाल पाए।

शुक्ल ने कहा कि देश में आपातकाल के दौरान भी पत्रकारों के बल पर ही लोगोें ने लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई जीती थी। उन्होंने उस दौर के अपने अनुभव भी सांझा किए। उन्होंने कहा कि इस बुनियाद को मजबूत करने का कार्य भी पत्रकारों ने ही किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठी पत्रकारिता के स्वच्छ भाव को मूर्त रूप देने में सहायक है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर पत्रकारों को सम्मानित भी किया।

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