शिमला, 29 मई। हिमाचल प्रदेश के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सोमवार को डॉक्टरों ने नॉन प्रैक्टिस एनपीए बंद करने के विरोध में दो घण्टे तक पेन डाउन स्ट्राइक रखी। इस कारण सुबह नौ बजे से लेकर 11 बजे तक ओपीडी बंद रही। डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
राजधानी शिमला स्थित सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। दरअसल सोमवार के दिन यहां मरीजों की काफी अधिक संख्या रहती है। मरीज सुबह 8 बजे से ही अस्पताल में उपचार लेने के लिए पहुंच गए थे। पेन डाउन स्ट्राइक की वजह से मरीज डाक्टरों का इंतजार करने के लिए ओपीडी कक्ष के बाहर बैठे रहे। 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक के बाद 11 बजे ओपीडी में चिकित्सक पहुंचे तथा मरीजों की जांच की।
सुबह से दूसरे शहरों और दूरदराज इलाको से आये मरीज एक से दूसरे कमरे में रिपोर्ट्स लिए भागते दिखे। ऐसे में आईजीएमसी में मरीजों की भीड़ लग गई है।
पेन डाउन स्ट्राइक के चलते सभी ओपीडी में कमरे खाली रहे और केवल इमरजेंसी में ही मरीजों को नियमित स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं। ओपीड़ी के बाहर लोग बैंचों, सीढ़ियों व जमीन पर बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करते रहे। सुबह से ही मरीजों की लंबी लाइन ओपीडी के बाहर लगनी शुरू हो गई थी। कांगड़ा जिला के टांडा समेत सभी जिला मुख्यालयों के अस्पतालों में भी यही हालात देखने को मिले।
एनपीए बंद करने के सरकार के फैसले के खिलाफ आईजीएमसी में प्रशिक्षु डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों की एससीए ने विरोध प्रदर्शन किया।
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आईजीएमसी शिमला के अध्यक्ष डॉक्टर हरिमोहन ने बताया कि राज्य सरकार का यह निर्णय सरासर गलत है। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं और एनपीए डॉक्टरों का हक है। फिलहाल जॉन एक्शन कमेटी ने डेढ़ घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक करने का निर्णय लिया है अगर सरकार ने जल्द एनपीए को बहाल नहीं किया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश में डॉक्टरों का भविष्य अंधकार हो जाएगा और डॉक्टर पलायन करने पर भी मजबूर होंगे।
बता दें कि एनपीए बंद करने के विरोध में डॉक्टर उतर आए हैं तथा पेन डाउन स्ट्राइक की जा रही है। डॉक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी एनपीए दिया जाता है। इसका मकसद डॉक्टरों को चिकित्सीय सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करना है। यह भारत सरकार की सिफारिश पर सभी राज्यों में दिया जाता है। हाल ही में हिमाचल सरकार के वित्त विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर नए भर्ती होने वाले डॉक्टरों को एनपीए बंद कर दिया है।