शिमला, 30 मई। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस रामचंद्र राव ने मंगलवार को हिमाचल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राजभवन शिमला में पूर्वान्ह 10:30 बजे आयोजित एक सादे व गरिमामय समारोह में गवर्नर शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। न्यायामूर्ति एमएस रामचंद्र राव हिमाचल हाईकोर्ट के 28वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में चीफ जस्टिस ने कहा कि हिमाचल एक सुंदर प्रदेश है व यहां के लोग बहुत अच्छे हैं और उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि उन्हें यहां काम करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनकी प्राथमिकताएं उनके काम में नजर आएंगी और वह यहां के लोगों की सेवा करेंगे। हाईकोर्ट में लंबित मामलों पर उन्होंने कहा कि इस बारे में जो किया जा सकता है, वह करने की कोशिश करेंगे।
इससे पहले राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्यवाही का संचालन किया और भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी उनकी नियुक्ति का पत्र पढ़ा। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा ने शपथ पत्र पर राज्यपाल और मुख्य न्यायाधीश के हस्ताक्षर प्राप्त किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, हाईकोर्ट के न्यायाधीश, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
बता दें कि चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव का जन्म सात अगस्त, 1966 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने एलएलबी की उपाधि उस्मानिया विश्वविद्यालय से 1989 में की थी। इसके बाद कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एलएलएम की उपाधि प्राप्त की हुई है। न्यायमूर्ति रामचंद्र राव को 29 जून, 2012 को कालेजियम ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया था। आंध्र प्रदेश का विभाजन होने पर उन्होंने तेलंगाना हाई कोर्ट का विकल्प चुना था। 12 अक्टूबर, 2021 को उनका तबादला पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में किया गया था। न्यायाधीश के पद पर नियुक्त होने से पहले उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत भी की।