SHIMLA : शिमला की महिला आईटीआई में एक गंभीर मामला सामने आया है संस्थान की गलती छात्रा को भारी पड़ गई ।संस्थान की गलती की वजह आज से होने वाली परीक्षा में छात्रा नही बैठ पाई ।संस्थान टेक्नीक एमब्रायडरी ट्रेड में केवल पांच ही छात्रा थी पांच छात्राओं में से तीन का नाम भारती है जिस में एक छात्रा ने कोर्स छोड़ दिया था, जबकि बाकी कोर्स कर रही थी। संस्थान ने बोर्ड को परीक्षा के लिए आवश्यक हाजिरी, फीस और इंटरनल असेस्मेंट का जो रिकॉर्ड भेजा, कोर्स छोड़ चुकी प्रशिक्षु का भेज दिया गया। जो कोर्स कर रही थी, उसका रोल नंबर ही जनरेट नहीं हुआ। वह प्रैक्टिकल और कोर्स की वार्षिक परीक्षाएं देने से भी वंचित रह गईं।
प्रशिक्षु और अभिभावकों ने संस्थान में आकर रोल नंबर जनरेट न होने के बारे में पूछा, तो बताया गया कि प्रशिक्षु का गलत ब्योरा चला गया है, जिस कारण रोल नंबर जनरेट नहीं हो पाया है। इसको सही करवाने के लिए टिकट जनरेट कर दिया गया है, पोर्टल खुलने पर इसे सही करवाने की रिक्वेस्ट भेज दी है। संस्थान ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया है और एक कमेटी का गठन भी कर दिया है जिस की रिपोर्ट सात दिन के अंदर देने के आदेश दिए है।रिपोर्ट आने के बाद जिस की भी गलती होगी उस पर कार्यवाही की जाएगी।ओर दो महीने बाद होने वाली सप्लीमेंट्री परीक्षा मौका दिया जाएगा ।
प्रशिक्षु छात्रा का कहना है कि इसमें उसकी क्या गलती है, उसकी हाजिरी पूरी थी, तय समय पर पूरी फीस जमा करवाई, बावजूद इसके परीक्षा देने से वंचित रह रही हैं। रोज घैणी बल्देयां से सौ किलोमीटर आना-जाना कर सौ रुपये किराया खर्च कर आईटीआई आती रही। 80 फीसदी से अधिक हाजिरी है। उसे परीक्षा में बैठने नही दिया जिस वजह से वो काफी परेशान है और सभी के साथ परीक्षा करवाने की मांग कर रही है ।