शिमला – महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक सेवा के लिए प्रतिबद्ध संगठन आरसीएस हिल क्वींस ने आज शिमला के औद्योगिक क्षेत्र शोगी में एक कानूनी सहायता शिविर का आयोजन कर समाज के वंचित वर्गों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की।
यह शिविर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य उन नागरिकों तक नि:शुल्क कानूनी सहायता पहुँचाना था, जो कानूनी सेवाओं का खर्च उठाने में असमर्थ हैं। विशेष रूप से इसमें महिलाओं, श्रमिकों, और समाज के अन्य हाशिए पर खड़े वर्गों को केंद्र में रखा गया।
शिविर में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल रहे:
एडवोकेट रीता ठाकुर
एडवोकेट मीरा ठाकुर
श्रम निरीक्षक अनिल चौहान
शिविर में बड़ी संख्या में आम लोगों ने भाग लिया और सक्रियता से विभिन्न सत्रों में हिस्सा लेकर कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लिया। चर्चा के दौरान जिन प्रमुख विषयों पर प्रकाश डाला गया, वे थे:
महिला अधिकार: महिलाओं को संविधान द्वारा दिए गए संरक्षण और कानूनी उपायों की जानकारी दी गई।
घरेलू हिंसा: घरेलू हिंसा के मामलों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया और पीड़ितों के लिए उपलब्ध विधिक विकल्पों पर चर्चा हुई।
श्रम कानून: अनिल चौहान ने न्यूनतम मजदूरी, अर्जित अवकाश, स्वास्थ्य सुरक्षा, ईएसआई और ईपीएफ जैसी व्यवस्थाओं को विस्तार से समझाया।
नि:शुल्क कानूनी सहायता: आमजन को बताया गया कि सरकार द्वारा किन परिस्थितियों में मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
एचआईवी/एड्स से जुड़े अधिकार: एड्स प्रभावित व्यक्तियों के अधिकारों और उनके प्रति सामाजिक दृष्टिकोण पर विचार साझा किए गए।
आरसीएस हिल क्वींस क्लब की सक्रिय सदस्याएं — सुरभि करोल, दीक्षा मल्होत्रा, किरण सूद, गुरप्रीत कौर सोंध, हरप्रीत के सेम्बी और पूजा गोयल — इस शिविर के संचालन और समन्वयन में अग्रणी भूमिका में रहीं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडवोकेट रीता ठाकुर ने कहा,
> “भारत का संविधान हर नागरिक को समान अधिकार प्रदान करता है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि समाज के हर वर्ग तक ये अधिकार पहुँचें, चाहे वह आर्थिक रूप से सक्षम हो या नहीं।”
क्लब की अध्यक्ष पूजा गोयल ने भी इस अवसर पर क्लब की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “हम केवल सहायता नहीं, आत्मनिर्भरता की नींव रखना चाहते हैं। यह शिविर हमारे प्रयासों की शुरुआत है, और हम भविष्य में और भी ऐसे आयोजन करेंगे।”
आरसीएस हिल क्वींस का यह आयोजन न केवल समाज के वंचित वर्गों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा, बल्कि एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज की ओर अग्रसर होने का संदेश भी लेकर आया।