शिमला। शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा को आए सवा महीने से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन ज्यादातर जगहों पर हालात जस के तस हैं। न मुख्य सड़कें बहाल हुई हैं और न ही लिंक रोड बहाल हो पाए हैं। जिसके कारण लोगों के कृषि बागवानी और पुष्प उत्पादन से जुड़े उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। लोगों ने अपने संसाधनों से सड़कें खोलने के प्रयास किए हैं लेकिन उससे पूरे इलाके की सड़कें आसानी से नहीं खोली जा सकती हैं। सड़कें न खुलने की वजह से लोगों को जानलेवा रास्तों से होकर मजबूरन गुजरना पड़ रहा है। यह सरकार की नाकामी और संवेदनहीनता है कि हमारे द्वारा बार-बार कहने, आग्रह करने के बाद भी सरकार ने सड़के बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर अभियान नहीं चलाया जिसकी वजह से त्रासदी का दंश झेल रहे लोगों को सरकार के निकम्मेपन का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा ग्रस्त ज्यादातर इलाकों की आजीविका फूलों की खेती बागवानी और कृषि उत्पादों पर निर्भर है। इनमें से ज्यादातर उत्पाद बहुत जल्दी खराब होते हैं इसलिए एक निर्धारित समयावधि में उन्हें बाजार पहुंचाना होता है, तभी संभव है जब मुख्य सड़कों के साथ-साथ लिंक रोड भी खुले हों। लेकिन 39 दिन का समय बीत जाने के बाद भी ना मुख्य सड़कें पूर्णतया बहाल हो पाई हैं और न ही लिंक सड़कें। इसकी वजह से पूर्णता तैयार कृषि और बागवानी के उत्पाद बाजार तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों से लोगों द्वारा अपने उत्पादों को बाजार में पहुंचने की वजह से सड़ने के कारण लोगों को अपना कीमती उत्पाद फेंकना पड़ रहा है। इसकी वजह से आपदा प्रभावित क्षेत्रों की आर्थिकी पूरी तरह से बर्बाद हो रही है। सरकार की नाकामी है कि कुदरत की मार से बच गई फसलें सरकार की अकर्मण्यता से नष्ट हो जा रही हैं। सरकार के इस नकारेपन से आपदा से उबरने में लोगों को प्रयासों को झटका लग रहा है।