नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में धूमधाम से मनाया गया 79वाँ स्वतन्त्रता-दिवस

झाकड़ी। “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है इन्हीं पंक्तियों को व्याख्यायित करते हुए मुख्य अतिथि मुख्य महाप्रबंधक/परियोजना प्रमुख आशुतोष बहुगुणा ने एसजेवीएन के 1500 मेगावॉट नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पॉवर स्टेशन में 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) के अवसर पर स्थानीय खेल-मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया । इस अवसर पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, हिमपेस्कों जवानों एवं डीपीएस-एनसीसी के छात्रों द्वारा मार्चपास्ट प्रस्तुत कर तिरंगे को सलामी दी गयी । तदुपरांत एसजेवीएन गीत को सस्वर गाया गया । कार्यक्रम में सभी विभागाध्यक्ष एवं अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि आशुतोष बहुगुणा द्वारा अपने संबोधन में सर्वप्रथम स्वतंत्रता-संग्राम में शहीद हुए तमाम स्वतंत्रता सेनानियों/असंख्य गुमनाम वीर-वीरांगनाओं को शत-शत नमन कर उनके बलिदान को याद किया । आज हमारा देश हर क्षेत्र में निरन्तर आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है और हम हर क्षेत्र में अग्रणीय हैं । उन्होंने सन्देश दिया कि हम सभी को एक दूसरे का सहयोग करके एसजेवीएन को श्रेष्ठता तक पहुंचाना है।

उन्होंने भारत सरकार, विद्युत मंत्रालय, हिमाचल सरकार, निगम प्रबंधन, अधिकारी व कर्मचारी, स्थानीय निकायों, पंचायत एवं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से इस स्टेशन से जुड़े तमाम लोगों का परस्पर सहयोग के लिए सादर धन्यवाद किया ।

इस अवसर पर ‘वंदे मातरम’ कार्यक्रम का आयोजन सताद्री सभागार में किया गया। नाथपा झाकड़ी जल विद्युत परियोजना, स्वतंत्रता दिवस के 79वें वर्ष पर देशभक्ति की भावना से सराबोर हो उठी। इस शुभ अवसर पर देशभक्ति गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें परियोजना के कर्मचारी व उनके परिजन उत्साहपूर्वक शामिल हुए और अपने सुरों के माध्यम से राष्ट्रप्रेम की अनूठी अभिव्यक्ति प्रस्तुत की। गीतों के बोल, मधुर स्वर और भावपूर्ण प्रस्तुति ने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और भारतवासी होने के गर्व को सजीव कर दिया।

प्रतियोगिता में कुल 7 टीमों के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी टीमों ने अपने गीतों में भारत के गौरवशाली अतीत, वर्तमान की उपलब्धियों और उज्ज्वल भविष्य के सपनों को पिरोया।

निर्णायक मंडल ने प्रस्तुतियों का मूल्यांकन सुर, भाव एवं प्रस्तुति के आधार पर किया। विजेताओं को परियोजना प्रमुख द्वारा पुरस्कृत किया गया। अपने संबोधन में परियोजना प्रमुख ने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करते हैं, बल्कि देशभक्ति की ज्योत को भी प्रज्वलित रखते हैं।

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