शिमला, 19 जून। शिमला शहर को कचरामुक्त बनाने के लिए शिमला नगर निगम ने नई पहल की है। इसके तहत दूध, दहीं और लस्सी के खाली पैकेट जमा करवाने वालों को नकद इनाम से नवाजा जाएगा। 50 किलो प्लास्टिक जमा करवाने पर एक लाख और 100 किलो पर दो लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा। वार्ड पार्षद इस पैसे को अपनी इच्छा से विकास कार्यों पर खर्च कर सकेंगे। सतुलज जल विद्युत निगम यानी एसजेवीएन के साथ मिलकर नगर निगम शिमला ने इस अभियान को शुरू किया है। सभी 34 वार्डों में यह अभियान चलाया गया है।
नगर निगम प्रशासन के अनुसार शिमला शहर को प्लास्टिक फ्री करने के मकसद से यह अभियान चलाया जा रहा है। दरअसल शहर में रोजाना दूध, दही और लस्सी के हजारों पैकेट कूड़े में फेंके जाते हैं। इन पैकेट को लोग अब नगर निगम कर्मचारी को अलग से देंगे। कर्मचारी वार्ड में एक जगह इस प्लास्टिक को एकत्रित करेंगे। बाद में इसे एसजेवीएनएल को दिया जाएगा। नगर निगम और एसजेवीएनएल ने हर वार्ड में इसके लिए नोडल अधिकारी और सुपरवाइजर की तैनाती कर दी है।
नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि 30 जून तक यह अभियान चलेगा। हर शहरवासी इस अभियान से जुड़ सकता है। इससे न सिर्फ शहर प्लास्टिक मुक्त होगा, बल्कि वार्ड को पुरस्कार जिताने में भी लोगों का योगदान रहेगा। उन्होंने शहरवासियों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है।
गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के नतीजों में शिमला शहर ने 56वां स्थान हासिल किया था, जबकि वर्ष 2021 के सर्वेक्षेण में शिमला शहर का 102वां स्थान था। शिमला शहर में लगातार बढ़ रही भीड़ के चलते यहां रोजाना टनों के हिसाब से प्लास्टिक का कूड़ा एकत्रित हो जाता है। ऐसे में शहर के कई इलाकों में गंदगी भी देखने को मिलती है। यही नहीं, शिमला शहर के साथ लगते जंगलों में भी कुछ असामाजिक तत्व कूड़ा फेंक देते हैं। ऐसे में नगर निगम प्रशासन का यह अभियान न केवल पर्यावरण को बचाने में मदद करेगा बल्कि इससे लोगों में भी जागरूकता बढ़ेगी।