भारतीय नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन का द्वितीय संस्करण 22 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के द्विवार्षिक कमांडर सम्मेलन 2025 का द्वितीय संस्करण नई दिल्ली में 22 से 24 अक्टूबर 2025 तक तीन दिन आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन ऑपरेशन सिंदूर और नौसेना के तीव्र गति के अभियानों और युद्ध की तैयारियों की पृष्ठभूमि में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ युद्ध क्षमताओं, अंतर-संचालन क्षमता और संयुक्त अभियानों को बढ़ाने पर नौसेना का ध्यान उभरते खतरों को रोकने और हिंद महासागर क्षेत्र तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री कौशल का प्रदर्शन करने के उसके संकल्प पर बल देता है।

सम्मेलन के दौरान माननीय रक्षा मंत्री और कैबिनेट सचिव नौसेना के कमांडरों को संबोधित करेंगे और व्यापक राष्ट्रीय हितों तथा विकसित भारत 2047 के प्रति दृष्टिकोण के संबंध में तस्वीर पेश करेंगे। यह सम्मेलन राष्ट्रीय नेतृत्व और नौकरशाहों के बीच घनिष्ठ संपर्क के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है और वर्तमान भू-रणनीतिक वातावरण में बहुआयामी चुनौतियों से निपटने की दिशा में नौसेना के दृष्टिकोण को बेहतर बनाता है।

इस सम्मेलन को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) और वायुसेना अध्यक्ष (चीफ ऑफ एयर स्टाफ) के संबोधित करेंगे और नौसेना के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ गहन चर्चाएं भी इसमें शामिल होंगी। इन वार्ताओं का उद्देश्य संयुक्त योजना और संचालनों के क्रियान्वयन में तालमेल और क्षमता वृद्धि के लिए संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने पर केंद्रित होगा।

नौसेना प्रमुख इस दौरान सभी कमांडर-इन-चीफ के साथ मिलकर हमारी प्राथमिक ज़िम्मेदारी के क्षेत्र हिंद महासागर में समग्र सुरक्षा स्थिति से संबंधित योजनाओं की समीक्षा और मूल्यांकन करेंगे। साथ ही, वर्तमान परिदृश्य में विभिन्न नौसैनिक कार्रवाइयों के संचालन, इसके लिए प्रशिक्षण और संसाधन की उपलब्धता से संबंधित आदर्श स्थितियों पर भी चर्चा होगी। कमांडर भविष्य की संभावनाओं के लिए नौसेना के रोडमैप पर भी गहन विचार-विमर्श करेंगे। इसमें कार्रवाइयों के संचालन से संबंधित प्रमुख बिन्दु, बेहतर ऑपरेशन लॉजिस्टिक्स संबंधी विषय और डिजिटलीकरण शामिल हैं। इस दौरान, युद्ध समाधानों और सुरक्षित वातावरण में निरंतर निर्बाध संचालन के लिए एआई, बिग डेटा और मशीन लर्निंग जैसी अत्याधुनिक परिवर्तनकारी तकनीकों की समीक्षा के लिए चर्चा की योजना भी बनाई गई है।

सम्मेलन में व्यापक स्तर पर नौसेना का शीर्ष नेतृत्व पश्चिमी और पूर्वी समुद्री तटों पर अपनी परिचालन तैयारियों की समीक्षा करेगा, मेक इन इंडिया योजना के तहत स्वदेशीकरण और नवाचार को बढ़ावा देने, भारत सरकार के महासागर (सभी क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने और आईओआर तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में भारतीय नौसेना की स्थिति को प्रोत्साहित करने के संबंध में विचार करेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *