शिमला। सिखों के पहले गुरू श्री गुरु नानक देव जी का 556वां प्रकाश पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस कड़ी में राजधानी शिमला में भी गुरु नानक जी की जयंती पर गुरुद्वारों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।प्रकाश पर्व पर शहर के सभी गुरुद्वारों को फूलों से सजाया गया है।गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर शिमला में, गुरुद्वारा सिंह सभा ने रागी जत्थों को आमंत्रित किया है, जो कीर्तन और उपदेशों के माध्यम से भक्तों को निहाल कर रहे हैं।
गुरुद्वारा सिंह सभा शिमला के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने बताया कि गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक और पहले सिख गुरु थे। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी को इतिहास के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु में से एक माना जाता है।समानता, प्रेम, विनम्रता और निस्वार्थ पर जोर देने वाली गुरु नानक जी की शिक्षाएं दुनिया भर के लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेरित करती हैं।गुरु नानक ने लोगों को धर्म जात के नाम पर लड़ाई न करने का उपदेश दिया। गुरु नानक ने दुनिया को अपने वचनों से मिलजुल कर रहने का ज्ञान दिया था। सिख समुदाय के लोगों के लिए यह पर खास मायने रखता है।