समग्र शिक्षा ने 480 निपुण लक्ष्य स्कूलों में पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों का एंडलाइन सर्वे कराया

शिमला. समग्र शिक्षा की ओर से निपुण लक्ष्य स्कूल कार्यक्रम के अंतर्गत पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों का एंडलाइन सर्वे सफलतापूर्वक पूरा किया गया । यह सर्वे 6 और 7 नवंबर को प्रदेश के 480 चयनित निपुण लक्ष्य विद्यालयों में एक साथ किया गया। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित इस सर्वे का उद्देश्य निपुण लक्ष्य स्कूलों में चल रहे शैक्षणिक सुधारात्मक प्रयासों के प्रभाव का आकलन करना और बच्चों के सीखने के स्तर में आए परिवर्तनों का आंकलन करना था।

एंडलाइन सर्वे के माध्यम से यह समझने में मदद मिलेगी कि समग्र शिक्षा द्वारा शैक्षणिक हस्तक्षेपों का बच्चों की अधिगम क्षमता पर कितना प्रभाव पड़ा है। इस सर्वे में पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक विकास, भाषा एवं साक्षरता विकास, शारीरिक विकास, सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक विकास के साथ-साथ सौंदर्य एवं सांस्कृतिक विकास से संबंधित पहलुओं का मूल्यांकन किया गया।
इंडलाइन सर्वे कराने से पहले इन स्कूलों के शिक्षकों का ऑनलाइन ओरिएंटेशन सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें उन्हें सर्वे की रूपरेखा और मूल्यांकन के तौर-तरीकों से अवगत कराया गया।
इससे पहले समग्र शिक्षा द्वारा निपुण लक्ष्य बेसलाइन सर्वे 30 और 31 मई को प्रदेश के 2638 विद्यालयों में कराया गया था। उस सर्वे के माध्यम से कक्षा 1 और 2 के विद्यार्थियों के पढ़ने, लिखने और गणना करने की क्षमताओं के आधार पर उनकी सीखने की स्थिति का मूल्यांकन किया गया। बेसलाइन सर्वे के परिणामों के आधार पर ही समग्र शिक्षा ने 480 निपुण लक्ष्य विद्यालयों का चयन किया है। इन विद्यालयों में शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण और शैक्षणिक सहायता सामग्री उपलब्ध कराने के साथ साथ आवश्यक शैक्षणिक हस्तक्षेपों की योजना तैयार की गई, जिससे विद्यार्थियों के सीखने के स्तर में सुधार लाया जा सके।

*निपुण लक्ष्य स्कूल गुणवत्ता सुधार की दिशा में ठोस कदम*
चयनित निपुण लक्ष्य विद्यालयों को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन स्कूलों में श्रेष्ठ शिक्षण प्रक्रिया, संसाधनों के बेहतर उपयोग और नवाचारों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा रहा है।
इन स्कूलों को “बाला” (Building as Learning Aid) आधारित शिक्षण वातावरण में परिवर्तित किया गया है, जहां दीवारें और भौतिक संरचनाएं सीखने के साधन के रूप में उपयोग हो रही हैं। साथ ही शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, नवाचारी शिक्षण विधियों का प्रयोग प्रोत्साहित किया गया है और विद्यार्थियों की प्रगति की सतत निगरानी की जा रही है। अभिभावकों और समुदाय की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है, जिससे विद्यालयों में एक सहयोगी और समृद्ध अधिगम वातावरण तैयार हुआ है।
*निपुण भारत मिशन की दिशा में हिमाचल की अहम पहल*
निपुण लक्ष्य स्कूल कार्यक्रम ,  निपुण भारत मिशन के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश की एक विशेष पहल है। इस मिशन का उद्देश्य है कि प्रदेश का प्रत्येक बच्चा कक्षा दो तक मूलभूत भाषा और गणना कौशल में दक्ष हो सके।
समग्र शिक्षा द्वारा करवाए गए इस एंडलाइन सर्वे के परिणामों से यह आकलन किया जाएगा कि अब तक के शैक्षणिक सुधारात्मक प्रयासों से बच्चों के सीखने के स्तर में कितना सुधार हुआ है। यह पहल हिमाचल प्रदेश को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा और बुनियादी अधिगम के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा है कि  निपुण लक्ष्य स्कूल कार्यक्रम के तहत कराए गए इस एंडलाइन सर्वे का उद्देश्य प्राथमिक स्तर पर किए जा रहे शैक्षणिक सुधारों के वास्तविक प्रभाव का आकलन करना है। इससे पहले बेसलाइन सर्वे के आधार पर 480 निपुण लक्ष्य विद्यालयों को चयनित कर उनमें विशेष प्रशिक्षण, शैक्षणिक सहायता और नवाचारी शिक्षण विधियों को लागू किया गया है। अब एंडलाइन सर्वे से यह पता चलेगा कि इन प्रयासों से बच्चों के सीखने के स्तर में कितना सुधार हुआ है। लक्ष्य यही है कि हिमाचल प्रदेश का हर बच्चा कक्षा दो तक मूलभूत भाषा और गणना कौशल में दक्ष बने। इस दिशा में निपुण लक्ष्य स्कूल प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे और गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा को सशक्त आधार प्रदान करेंगे।

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