मानसून सीजन में अब तक 20 मौतें, 219 करोड़ का नुकसान, अगले चार दिन भारी वर्षा से मिलेगी राहत

शिमला, 29 जून। हिमाचल प्रदेश में मानसून के आगमन के साथ हो रही व्यापक बारिश से जान-माल की भारी तबाही हुई है। मानसून सीजन के छह दिन में वर्षाजनित हादसों में 20 लोगों की जानें गई हैं। इनमें शिमला जिला में सबसे ज्यादा सात मौतें हुई हैं। हमीरपुर व मंडी में तीन-तीन, चम्बा व सोलन में दो-दो और कांगड़ा, कूल्लु व ऊना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। हादसों में दो लोग लापता भी हैं। मानसून की बारिश में भूस्खलन और अन्य दुर्घटनाओं की वजह से 34 लोग घायल हुए हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन के दौरान सड़क हादसों में नौ, बाढ़ में बहने से छह, पहाड़ी से फिसलने से तीन, भूस्खलन की जद में आने से एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके अलावा 352 पशुओं की मौत भी हुई है। बीते छह दिनों में हुई बारिश से पांच मकान व दो दुकानें पूरी तरह से धराशायी हुईं, जबकि 36 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। 21 गौशलाएं भी बारिश से ढह गई।

राज्य के विभिन्न भागों में हो रहे भूस्खलन से यातायात, विद्युत और पेयजल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। मानसून सीजन की छह दिन की बारिश हिमाचल को 200 करोड़ से अधिक का घाव दे चुकी है। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 24 जून को दस्तक दिया था।

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में अब तक हिमाचल में 219 करोड़ की संपति को नुकसान पहुंचा है। मानसून की बारिश से प्रदेश में पेयजल व सिंचाई परियोजनाओं, सड़कों और बिजली आदि को भी भारी नुकसान हुआ है। बारिश से सबसे ज्यादा 100 करोड़ का नुकसान जल शक्ति विभाग को हुआ है। इसके अलावा लोकनिर्माण विभाग को 90 करोड़ और बागवानी क्षेत्र को 26 करोड़ की क्षति हुई है।

मूसलाधार वर्षा से जल शक्ति विभाग की कुल 1635 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, इनमें 1318 पेयजल और 284 सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं। जिनमें से 1249 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को राज्य में भूस्खलन से 28 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि 72 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल रही। मंडी जिला में 21 सड़कें और चम्बा जिला के पांगी में 66 ट्रांसफार्मर बंद रहे।

मानसून सीजन के दौरान भूस्खलन की नौ, बाढ़ की पांच घटनाएं और बादल फटने की एक घटना सामने आई हैं।

शिमला में सबसे ज्यादा बारिश

बीते 24 घण्टों के दौरान शिमला में सबसे ज्यादा पांच सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई। मशोबरा व घमरूर में चार-चार, बरठीं, काहू और चौपाल में दो-दो, बैजनाथ, कांगड़ा, जंझेहली, नारकंडा, कुफरी व शिलारू में एक-एक सेंटीमीटर वर्षा हुई।

अगले दिन चार दिन भारी वर्षा का अलर्ट नहीं

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में राज्य में अगले चार दिन  वर्षा की संभावना जताई है, हालांकि कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रदेश में तीन जुलाई तक मौसम खराब रहेगा। लेकिन इस दौरान भारी वर्षा होने के आसार नहीं है। उन्होंने बाहर से घूमने आ रहे पर्यटकों व स्थानीय लोगों से नदी-नालों के किनारों पर न जाने की अपील की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *