शिमला, 06 जुलाई। हमीरपुर जिला के पांच दिवसीय प्रवास पर पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरूवार को अपने गृह विधानसभा क्षेत्र नादौन में लगभग 12.30 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित लघु सचिवालय का लोकार्पण किया। नवनिर्मित लघु सचिवालय में स्थानीय लोगों को केन्द्रीकृत रूप से विभिन्न सरकारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी।
बाद में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले जल्दबाजी में इस भवन का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन तो कर दिया था, लेकिन इसे कार्यशील बनाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने कार्यभार संभालने के छः माह के उपरान्त लघु सचिवालय में सफलतापूर्वक कार्य संचालन आरम्भ कर दिया है। इससे नादौन के लोगों को एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सेवाएं सुगमता से प्राप्त होंगी।
उन्होंने कहा कि लघु सचिवालय की आधारशिला पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में रखी गई थी, लेकिन इसके उपरान्त सत्ता में आई भाजपा ने इसके विकास की उपेक्षा ही की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार लोगों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करने में विश्वास रखती है। जबकि पूर्व की भाजपा सरकार ने जन शिकायतों के निवारण के लिए तथाकथित जनमंच आयोजित करने का केवलमात्र ढांेग ही किया और इनमें लोगों की शिकायतों का निवारण करने के बजाय अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का कार्य किया गया।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि वह राज्य के विभिन्न क्षेत्रों का निरन्तर दौरा कर लोगों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कर रहे हैं। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर की स्वीकृति को लेकर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के दावे को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 03 मार्च, 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनके (श्री सुक्खू के) आग्रह पर यह मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए 189 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित की थी।
उन्होंने कहा कि अब भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष इस मेडिकल कॉलेज का झूठा श्रेय लेकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य को गति प्रदान करते हुए इसके लिए 150 करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से आग्रह किया कि वह इस तरह के झूठे श्रेय लेने के बजाय केन्द्र के समक्ष हिमाचल प्रदेश के हितों की पैरवी करने में राज्य सरकार का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि केन्द्रशासित चण्डीगढ़ में हिमाचल की 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी बनती है और राज्य सरकार इसे प्राप्त करने की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में स्थापित भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड की परियोजनाओं में रॉयल्टी इत्यादि में हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रही है। उन्होंने हिमाचल के हितों से जुड़े इन मुद्दों पर समर्थन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार का आभार भी व्यक्त किया।