शिमला में नहीं थम रहा तबाही का मंजर, दो और मकान ध्वस्त, मां-बेटे समेत तीन की मौत

शिमला, 09 जुलाई। मानसूनी वर्षा ने शिमला जिला में कहर बरपा दिया है। वर्षा की वजह से जगह-जगह भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। रविवार को ठियोग और शिमला शहर में भूस्खलन से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इन घटनाओं में मां व बेटे समेत तीन लोगों की मौत हो गई और एक अन्य लापता है।

ठियोग उपमंडल के ग्राम पंचायत धमान्दरी के अन्तर्गत गाँव मझौली बागडा में भूस्खलन से एक मकान दब गया। घर में मां और बेटे की इसमें दबने से मौत हो गई है। मृतक की पहचान कांता देवी (50) व उसके बेटे संजीव उर्फ सोनू (30)के तौर पर की गई है। हादसा रविवार दोपहर बाद 4 बजे पेश आया। बारिश के कारण मकान गिर गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना प्रशासन को दी प्रशासन की टीम पहुंचने से पहले ही लोगों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। करीब 3 घंटे बाद मकान के नीचे दबे मृतकों को बाहर निकाला गया। तहसीलदार ठियोग विवेक नेगी खुद मोके पर पहुंचे। प्रभावित परिवार को 50 हज़ार रुपये राहत राशि के तौर पर जारी किए गए हैं।

दूसरी घटना में रविवार को न्यू शिमला के समीप रझाणा गांव में पहाड़ी से एक मकान पर भारी-भरकम मलबा गिर गया। इससे मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ और  मकान में रह रहे एक युवती और उसकी बुजुर्ग दादी मलबे में दब गई।

बचाव टीमों ने युवती को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। मृतक युवती की पहचान पारुल (23) के रूप में हुई है। जबकि बुजुर्ग महिला नानकी (75) अभी भी मलबे में दबी है। उसे निकालने के लिए बचाव दल भरसक प्रयास कर रहे हैं। भूस्खलन की ये घटना रविवार बाद दोपहर पेश आई। पुलिस के अनुसार पहाड़ी से आया मलबा इतना ज्यादा था कि पूरा घर मलबे से भर गया। घर के साथ पार्क गाड़ियां भी मलबे में पूरी तरह से दब गईं। परिवार के अन्य सदस्यों ने भागकर जान बचाई, लेकिन युवती और बुजुर्ग महिला बाहर नहीं निकल पाई। 

एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि हादसे में युवती ने दम तोड़ दिया है, जबकि बुजुर्ग महिला लापता है। उसके रेस्क्यू की कोशिश की जा रही है।

मानसून सीजन में हादसों में गई 54 लोगों की जान, 46 मकान गिरे

बता दें कि शिमला में बीते दो दिन से भारी बरसात हो रही है। बीती देर रात शिमला जिला के कोटगढ़ में एक मकान के धराशायी होने से दम्पति और उनके 11 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। जबकि परिवार के दो अन्य सदस्य चोटिल हुए। राज्य में 24 जून को मानसून के आगमन के बाद से बारिश से जुड़ी आपदाएं सामने आ रही हैं। राज्य में अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 54 लोगों की मौत हो गई और 92 घायल हो गए, जबकि चार लापता हैं। 354 मवेशी भी इस दौरान मारे गए हैं। इसके अलावा 46 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए, जबकि 108 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।

मानसून सीजन में सात दुकानें और 99 पशुशालाएँ भी धराशायी हुईं। मानसून सीजन में अब तक करीब 365 करोड़ की संपति की क्षति हुई है। लोक निर्माण विभाग को 204 करोड़ की क्षति हुई है, जबकि जलशक्ति विभाग को 127 करोड़ और बागबानी विभाग को 26 करोड़, बिजली बोर्ड को 92 लाख और शहरी विकास विभाग को 38 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।

मानसून सीजन के दौरान 15 दिन में भूस्खलन की 29, बाढ़ की 24 और बादल फटने की एक घटना सामने आई है।

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