शिमला। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा धारा 118 में संशोधन को लेकर पेश किए गए विधेयक के खिलाफ हिंदू रक्षा मंच ने निशाना साधा है। रक्षा मंच ने हिमाचल के हितों की सुरक्षा करने वाली इस धारा को बदलने का षडयंत्र करार देते हुए सरकार को भूमाफियां के हाथों में खेलने के बड़े आरोप जड़े हैं। मामले को लेकर मंच ने डीसी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है।
हिंदू रक्षा मंच के प्रदेश अध्यक्ष कमल गौतम ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि सरकार के संरक्षण में भू माफिया हिमाचल की भूमि को लूटने में लगा है। उन्होंने कहा कि धारा 118 हिमाचल की भूमि और संस्कृति को धनाढ्य लोगों के हाथों में जाने से बचाती आई है। पूर्व की सरकारों ने इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की लेकिन वर्तमान सुखविंदर सरकार हिमाचल ऑन सेल करने में लगी है। उन्होंने कहा कि अगर यह संशोधन होता है तो पंचायत स्तर तक की शक्तियां खत्म हो जाएगी। यह सरकार भू माफिया के इशारों पर खेल रही है। उन्होंने आरोप लगाये कि सरकार कि पिछले तीन सालों में ग्यारह सौ परमिशन धारा 118 की दी है। सरकार श्वेत पत्र जारी करें कि ये अनुमतियों किन लोगों को और किस उद्देश्य के लिए दी है। उन्होंने कहा कि शिमला, मणिकर्ण में जंगलों के बीच कई कॉटेज बने हैं। क्या ये कॉटेज धारा 118 के तहत दी गई जमीन पर बने हैं या फिर इन्हें नियमित करने के लिए यह संशोधन किया जा रहा है। कमल गौतम ने प्रश्न पूछा है कि क्या यह संशोधन अवैध भूमि पर बने मस्जिदों और चर्चों को नियमित करने के लिए तो नहीं हैं। मुख्यमंत्री इसका जवाब दे। इस संशोधन को वापिस नहीं लेती है तो बहुत बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
वहीं कमल गौतम ने कहा कि शिमला के नैरवा में अवैध मस्जिदों के खिलाफ आंदोलन किया। RTI से मिली जानकारी के अनुसार नेरवा में तीन मस्जिदें अवैध है लेकिन प्रशाशन ने इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। इन मस्जिदों में अवैध गतिविधियां संचालित हो रही है। प्रशासन इन ढांचों को जल्द हटाए। यह सब सरकार की शह पर हो रहा है।