शिमला, 20 जुलाई। राजधानी शिमला के भट्ठाकुफर स्थित शिमला नर्सिंग कॉलेज में अंगदान महोत्सव के चलते स्टेट ऑर्गेन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) की ओर से अंगदान के विषय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ । इसमें कॉलेज की 74 छात्राओं ने शपथ पत्र भरकर अंगदान करने का प्रण लिया । कॉलेज प्रधानाचार्य डॉ कृष्णा चौहान ने छात्राओं को अंगदान शपथ पत्र भरने के लिए प्रेरित किया। सोटो के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर नरेश कुमार ने छात्राओं को अंगदान संबंधी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सोटो संस्था समाज में अंगदान के प्रति लोगों को जागरुक करने का काम कर रही है, अंगदान जरूरत मंद के लिए वरदान साबित हो सकता है । ब्रेन डेड की स्थिति में अंगदान करने वाला व्यक्ति ऑर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता हैं। गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों और दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के ब्रेन डेड होने के बाद यह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है। अस्पताल में मरीज को निगरानी में रखा जाता है और विशेष कमेटी मरीज को ब्रेन डेड घोषित करती है। मृतक के अंग लेने के लिए पारिवारिक जनों की सहमति बेहद जरूरी रहती है।
उन्होंने बताया कि देश भर में प्रतिदिन 6000 मरीज समय पर ऑर्गन ना मिलने के कारण मरते हैं जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। लोगों में भ्रांति रहती है कि अंगदान करने के बाद अंगों को बेच दिया जाता है या फिर तस्करी की जाती है। ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन एक्ट 1994 जीवित दाता एवं ब्रेन डेड डोनर को अंगदान करने की स्वीकृति प्रदान करता है। यह अधिनियम चिकित्सीय प्रयोजनों के लिए अंगों को निकालने , भंडारण करने और प्रत्यारोपण को नियंत्रित कर मानव अंगों को तस्करी से बचाता है। कोई भी व्यक्ति अंग को खरीद या बेच नहीं सकते हैं।
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सोटो हिमाचल की इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सहयोग करें ताकि जरूरतमंद मरीजों का जीवन समय रहते बचाया जा सके। अंगदान करने के लिए लोग अपनी इच्छा जाहिर करें और अपने रिश्तेदारों को भी इस पुनीत कार्य में जोड़ें।