हिमाचल में मानसून की सामान्य से 147 फीसदी अधिक वर्षा, भूस्खलन की 5480 घटनाएं

शिमला, 23 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून जमकर बरस रहा है। मानसून सीजन में सामान्य से 147 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। व्यापक वर्षा से राज्य में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त है। मानसून विभिन्न जिलों में कहर बरपा रहा है। शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में मानसून से भारी तबाही हुई है। केंद्र सरकार की टीम बाढ़ व भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का आंकलन कर रही है।

राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शनिवार देर शाम केंद्रीय टीम को अवगत करवाया कि हिमाचल में 24 जून से 14 जुलाई तक सामान्य से 147 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है जबकि 7 से 11 जुलाई तक सामान्य से 436 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

मुख्य सचिव ने बताया कि मानसून के दौरान अभी तक प्रदेश में भूस्खलन की 5480 घटनाएं, बादल फटने की 14 और फ्लैश फ्लड की 83 घटनाएं हुई हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में हुए नुकसान का गहन आकलन किया गया है। उन्होंने राज्य के अधिकारियों से कहा कि नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट के लिए दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए तथ्य प्रस्तुत किए जाएं। आपदा से हुए नुकसान के दृष्टिगत केन्द्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि से सहायता प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्तरों पर मामले को सही परिपेक्ष्य में प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए स्पेस वेस्ड एप्लीकेशन की उपयोगिता सुनिश्चित की गई है। राहत कार्यों के दौरान ड्रोन और आपदा मित्रों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

केन्द्रीय टीम के अध्यक्ष रविनेश कुमार ने बताया कि टीम ने दो अलग-अलग समूहों में आपदा प्रभावित ज़िलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत एवं बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना भी की। रविनेश कुमार और टीम में अन्य सदस्यों ने रिपोर्ट के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।

मानसून सीजन में पांच हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान अब तक पांच हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग को 1666 करोड़, जलशक्ति विभाग को 1448 करोड़, बिजली बोर्ड को 1482 करोड़, बागवानी विभाग को 144 करोड़ और शहरी विकास विभाग को 6.47 करोड़ की क्षति पहुंची। मानसून सीजन में 592 घर, 235 दुकानें और 1616 पशुशालाएं धराशायी हुईं। इसके अलावा 5268 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। मानसून में वर्षा से जुड़ी घटनाओं में 154 लोगों की मौत हुई है। इनमें 42 की मौत भूस्खलन व बाढ़ की चपेट में आने से हुई, जबकि 112 लोग वर्षा जनित अन्य हादसों में मारे गए। इसके अलावा 15 लोग लापता भी हैं।

अगले तीन दिन भारी वर्षा का अलर्ट

मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। 26 जुलाई तक राज्य में मुसलाधार बारिश होने की आशंका है। राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में 23 व 24 जुलाई को भारी वर्षा का येलो और 25 व 26 जुलाई को आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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