चम्बा में नदी में समाई पुलिस जवानों की जीप, सात मरे, चार घायल

शिमला, 11 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में मानसून के कहर के बीच सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे। चम्बा जिला के तीसा थाना क्षेत्र में पुलिस जवानों से भरी एक बोलेरो जीप अनियंत्रित होकर खाई में लुढ़कने के बाद सियोल नदी में जा गिरी। 

चम्बा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव ने बताया कि शुक्रवार सुबह हुए इस दर्दनाक हादसे में वाहन में सवार सात लोग मारे गए हैं। मृतकों में चालक और छह पुलिस कर्मी हैं। चार लोगों को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती किया गया है। मृतक पुलिस कर्मियों की पहचान एसआई राकेश गोरा, हैडकांस्टेबल प्रवीण टंडन, कैप्टन कमलजीत, सचिन, अभिषेक और लक्ष्य कुमार के तौेर पर हुई है। इसके अलावा जीप चालक स्थानीय निवासी चंदरू राम की भी मौेत हुई है। वहीं एक अन्य स्थानीय निवासी और तीन पुलिस कर्मचारी घायल हैं। हादसे का शिकार हुए पुलिस जवान चंबा के सीमावर्ती क्षेत्र स्थित द्वितीय बैटालियन

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सड़क दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति के लिये प्रार्थना की है और शोकग्रस्त परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है तथा घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

चम्बा पुलिस के मुताबिक हादसे का शिकार हुई बोलेरो तीसा से बैरागढ़ की तरफ जा रही थी कि तरवाई नामक स्थान पर संतुलन खोने से नदी में जा गिरी। बोलेरो में हिमाचल की पुलिस बटालियन के नौ जवान और दो स्थानीय लोग सवार थे।  हादसे का पता लगते ही तीसा पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। बोलेरो के लुढ़कने पर कुछ लोग छिटक कर बाहर आने से बाल-बाल बच गए। हालांकि वे गम्भीर रूप से चोटिल हुए हैं। तीसा पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। 

स्थानीय भाजपा विधायक ने लोकनिर्माण विभाग के एक्सईएन के खिलाफ की एफआईआर की मांग

इस बीच स्थानीय भाजपा विधायक हंसराज ने इस हादसे के लिए लोकनिर्माण विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए विभाग के एक्सईएन के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। शिमला से जारी एक बयान में हंसराज ने कहा कि पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण बोलेरो हादसे का शिकार हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार से लगातार गुहार लगाकर इस रोड को बंद करवाया था पर सरकार ने इस रोड को फिर खोल दिया था, इसकी जानकारी भी हमने सरकार को पहले कर दी थी पर सरकार मौन रही। पहाड़ लगातार गिर रहा था जनता देख रही थी पर सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया।

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