हिमाचल में भूस्खलन और बाढ़ से 41 मौतें, 13 लापता, सीएम ने बुलाई आपात बैठक

शिमला, 14 अगस्त। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने हाहाकार मचा दिया है। राज्य के विभिन्न जिलों में भूस्खलन और बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को बताया कि पिछले दो दिन से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में एक दिन में सबसे अधिक 41 लोगों की बहुमूल्य जान गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं।

भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए शिमला में बुलाई गई एक आपात बैठक में उन्होंने कहा कि इस भीषण त्रासदी के दृष्टिगत इस बार स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम में सिर्फ ध्वजारोहण, परेड और मुख्य अतिथि का संबोधन ही होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि परेड में स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवान शामिल नहीं होंगे। वह बचाव कार्यों में ही शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी बारिश से लोगों को हो रही परेशानियों को दूर करना सरकार की पहली प्राथमिकता है और परेड को भी स्केल डाउन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में जवान राहत और बचाव कार्यों में तैनात किए जाएंगे और लोगों को राहत पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नालागढ़ से एनडीआरएफ की टुकड़ी शिमला पहुंच गई है।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में लगभग 1200 सड़कें प्रभावित हुई हैं, जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंनेे कहा कि 600 सड़कों को आज देर शाम तक खोल दिया जाएगा और 300 सड़कों को कल तक बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बारिश के कारण जिला सोलन, शिमला, मंडी और हमीरपुर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने अधिकारियों को प्रभावितों की हरसंभव मदद प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिमला शहर में बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए और कहा कि गिरे हुए पेड़ों को तुरंत हटा कर सड़कों को बहाल किया जाए। खतरनाक हो चुके पेड़ों को चिन्हित कर सुबह तक उसकी रिपोर्ट उन्हें प्रदान करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित पेयजल योजनाओं को जल्द से जल्द बहाल कर लोगों को पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

शिमला में एक दिन में 13 मौतें, शिव मंदिर से आठ शव बरामद, दोबारा फ्लड आने से रोका रेस्क्यू ऑपरेशन

राजधानी शिमला में भूस्खलन और बाढ़ से भारी तबाही हुई है। सोमवार को शहर के बालूगंज थाना अंतर्गत आने वाले समरहिल और फागली इलाकों में भूस्खलन की घटनाओं में 13 लोगों की मौत हुई है। इस दौरान 15 लोग चोटिल हुए।

शिमला के उपनगर समरहिल में भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुए प्राचीन शिव बावड़ी मंदिर में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत व बचाव कर्मी डटे हुए हैं। अब तक घटनास्थल से आठ शव बरामद हुए हैं। इनमें 03 बच्चे, एक महिला और 04 पुरूष के शव हैं। सोमवार देर शाम हादसे वाली जगह दोबारा फ्लड आया, इस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा है। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक भूस्खलन के दौरान मंदिर में मौजूद करीब एक दर्जन लोग लापता हैं।

ये दर्दनाक हादसा सोमवार सुबह सवा सात बजे के करीब हुआ, जब मंदिर में लोग जलाभिषेक करने पहुंचे थे। मंदिर में हवन यज्ञ और प्रसाद बनाने की भी तैयारी चल रही थी। इसी बीच सैलाब संग आए मलबे और विशालकाय पत्थरों ने मंदिर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। पल भर में मंदिर का नामो-निशान मिट गया। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। प्रशासन द्वारा चलाए गए रेस्कयू आपरेशन में अब तक आठ शव बरामद किए गए हैं। करीब दो दर्जन लोगों के मलबे में फंसने की आशंका है।

उधर शिमला के ही फागली में भी भूस्खलन से कई अस्थायी घर क्षतिग्रस्त हुए। यहां मां व बेटी सहित पांच लोगों की मौत हो गई। मृतक मां व बेटी की पहचान कमला ठाकुर (52) पत्नी जनक ठाकुर और पूजा ठाकुर (21) पुत्री जनक ठाकुर के रूप में हुई है। जबकि एक दर्जन लोगों को मलबे से निकाला गया। ये आइंजीएमसी में उपचाराधीन हैं।

18 अगस्त तक बारिश से राहत नहीं, येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक अभी बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं है। विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि 20 अगस्त तक राज्य में मौसम खराब रहेगा। 18 अगस्त तक बारिश को लेकर येलो अलर्ट रहेगा। अगले 24 घंटों के दौरान यानी 15 अगस्त को भारी बारिश होने की आशंका है।

कांगड़ा और सुजानपुर में सबसे ज्यादा बारिश

मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा में सर्वाधिक 27 सेंटीमीटर बारिश हुई है। इसके अलावा सुजानपुर टीहरा व धर्मशाला में 25-25, पालमपुर में 22, गुलेर में 19, जोगेंद्रनगर, नगरोटा सूरियां में 18-18, कटुआला, सुंदरनगर में 17-17, बलद्वारा में 15, मंडी में 14, बरठीं में 13, नाहन में 11, घुमारवीं व कसौेली में 10-10 सेंटीमीटर वर्षा हुई।

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