शिमला, 12 सितम्बर। नियमितीकरण न होने पर प्रदेश के सैंकड़ों एसएमसी शिक्षकों का रोष बढ़ता जा रहा है। स्थायी नीति न बनने से खफा एसएमसी शिक्षकों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन शिक्षकों ने
सरकार को 30 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर सरकार उनके लिए नीति का निर्माण नहीं करती है तो 2500 से ज्यादा अध्यापक सड़कों पर उतरेंगे और दो अक्टूबर से परिवार सहित सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया जाएगा।
एसएमसी अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि एसएमसी शिक्षक वर्ष 2012 से सेवाएं दे रहे हैं लेकिन नीति न बनने के कारण अलग अलग सरकारों में उनका शोषण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अन्य सभी अस्थाई अध्यापक पीटीए, पैट, पैरा व उर्दू, पंजाबी पीरियड आधार एवं तकनीकी शिक्षा में पीरियड आधार शिक्षकों को कम अंतराल में ही नियमित किया जा चुका है जबकि एसएमसी अध्यापक बहुत ही कम वेतन में शिक्षा विभाग में सभी कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सैंकड़ों विद्यालय सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के ही सहारे चल रहे हैं।
उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि 30 सितंबर तक एसएमसी शिक्षकों को नियमित नीति में लाया जाए अन्यथा दो अक्टूबर से एसएमसी अध्यापक मजबूरन अपने परिवार और बच्चो सहित सत्याग्रह आंदोलन,धरना प्रदर्शन पैन डाउन स्ट्राइक करने के लिए मजबूर होंना पड़ेगा।