आपदा पर हिमाचल की मांगों को अनसुना कर रही केंद्र सरकार : सुक्खू

शिमला, 13 सितम्बर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार हिमाचल की मांगों को अनसुना कर रही है। उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि केंद्र सरकार ने अब तक हिमाचल प्रदेश की क्या मदद की है? अब तक हिमाचल प्रदेश को जो भी मदद दी गई है, वह हिमाचल का ही अधिकार है।

उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्य सरकार लगातार यह मांग कर रही है कि यहां आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। साथ ही केंद्र सरकार हिमाचल को विशेष राहत पैकेज दे, लेकिन अब तक दोनों ही मांगों को अनसुना किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में वह विपक्ष के हर सवाल का माकूल जवाब देंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने जी-20 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के डिनर के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग उठाई।

सुक्खू ने कहा कि आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए सरकार मैन्युअल में बदलाव कर रही है। हाल ही में राज्य सरकार ने अपना घर गंवाने वाले लोगों को मकान का किराया चुकाने की बात कही है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में हर महीने पांच हजार रुपए और शहरी क्षेत्र में 10 हजार रुपए 31 मार्च 2024 तक सरकार की ओर से का जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने आपदा में अपनी जमीन गंवा दी। अब ऐसे लोगों के पास रेवेन्यू रिकॉर्ड में तो जमीन है, लेकिन ग्राउंड जीरो पर वह जगह रहने लायक नहीं है। सरकार ऐसे नियमों में भी बदलाव करेगी और आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने का काम करेगी।

सुक्खू ने कहा कि उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाई जाए और किसी को कोई कमी न रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में वाशिंगटन एप्पल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की बात सामने आई है। इससे हिमाचल प्रदेश के सब बागवानों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रियंका गांधी के दो दिवसीय दौरे पर यहां आने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ने अपने व्यस्त शेड्यूल से हिमाचल आने का वक्त निकाला और आपदा प्रभावितों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बताया कि आपदा प्रभावितों से मिलकर कई जगह प्रियंका गांधी की आंखें भी भर आई।

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