शिमला, 14 सितम्बर। राजधानी शिमला के आईजीएमसी में बुधवार को यूरोलॉजी विभाग के 507 ऑपरेशन थिएटर के बाहर स्टेट ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) हिमाचल प्रदेश की ओर से अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाई गई। इसमें किडनी फेलियर से ग्रसित मरीजों के तीमारदारों व उपस्थित अन्य लोगों को अंगदान की महत्वता के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान मरने से पहले यानी ब्रेन डेड स्थिति में अंगदान और मरने के बाद नेत्रदान करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया गया।
सोटो की टीम ने बताया कि अंगदान के लिए कोई भी व्यक्ति सोटो हिमाचल की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है।
एक व्यक्ति जिसकी उम्र कम से कम 18 वर्ष हो, वह स्वैच्छिक रूप से अंगदान करने की शपथ ले सकता है । अंगदान एक महान कार्य है जो हमें मृत्यु के बाद कई जिंदगियां बचाने का अवसर देता है। अंगदान के संबंधित सही जानकारी व भ्रम होने की वजह से अधिकतर लोग अंगदान करने से पीछे हट जाते हैं। इसीलिए अगर लोगों में पहले से अंगदान को लेकर पर्याप्त जानकारी होगी तभी ऐसे मौके जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं।