शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों में धांधली की आशंका, सदन में उठा मामला

शिमला, 22 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश के दो बड़े शहरों शिमला और धर्मशाला में स्मार्ट सिटी के तहत बन रहे प्रोजेक्टों में कथित धांधली और गुणवत्ता का मामला शुक्रवार को विधानसभा में गूंजा। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा और शिमला के विधायक हरीश जनारथा ने प्रश्नकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए सरकार से जांच की मांग उठाई। विधायक सुधीर शर्मा ने दोनों शहरों में बने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों की गुणवता पर सवाल खड़ा किया और धांधली की आशंका जताते हुए जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग उठाई। 

सुधीर शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना कांग्रेस शासन के दौरान आई थी, उसके बाद भाजपा की सरकार आई और भाजपा शासन में इन प्राजेक्टों का निर्माण हुआ। लेकिन इस दौरान इनकी गुणवता का ध्यान नहीं रखा गया। सुधीर शर्मा ने सरकार से जानना चाहा कि धर्मशाला स्मार्ट सिटी योजना के तहत कुल कितनी धनराशि केंद्र से मिली और उसमें से कितना बजट खर्च किया जा चुका है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशला स्मार्ट सिटी योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के तहत केंद्र सरकार से अभी तक 500 करोड रूपए का बजट आया है इस पर 490 करोड रूपए प्राप्त हुए है। इसमें से 396.75 करोड रूप्ए का बजट खर्च किया जा चुका है। 

इसके जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा  कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जहां पर भी धांधलियां हुई है लिख कर दे, सरकार जांच करेगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी शिमला तो स्टील स्मार्ट सिटी बन गया है। उस समय की सरकार ने अधिकारियों पर दबाब बनाकर ऐसे फैसले लिए जिससे इस शहर में स्टील के ढांचे खडे कर दिए गए हैं। हाल ही में बरसात में स्लाटर हाउस ध्वस्त हुआ, जिसका निरीक्षण कर उन्हें दुख हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पारदर्शी रूप से काम कर रही है और अगर विधायक धांधलियों व अनियमतिताओं को लेकर लिखकर शिकायत देंगे तो सरकार उनकी निश्चित तौर पर जांच करवाएगी। 

शिमला के विधायक हरीश जनार्था ने कहा कि शहर में निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों से मलबा डंप हुआ है। शहर में डंपिग साइटों पर मलबा डंप नहीं किया जा रहा है। इससे डैनेज सिस्टम प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि शहर में आई आपदा में स्मार्ट सिटी का भी रोल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्टों का निर्माण धीमी रफतार से रहा है। उन्होंने जानना चाहा कि कुछ प्रोजेक्ट रद कर दिए गए हैं और उनका फैसा कहां लगाया जा रहा है। 

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला शहर में स्टील वाले स्टरक्चर खड़ा करने पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2024 में खत्म होगा और जो निर्माणाधीन प्रोजेक्ट सही मानकों पर काम कर रहे है, उन्हें पूरा किया जाएगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *