शिमला, 03 अक्टूबर। विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर रेल सेवा बहाल हो गई है। मंगलवार को इस रेल ट्रैक पर नियमित रूप से रेल सेवाओं का परिचालन शुरू हुआ। करीब 84 दिनों बाद इस रेलवे ट्रैक पर रेलों की आवाजाही आरंभ हुई और पहले दिन पांच रेलें दौड़ीं। सैलानी अब सीधे कालका से शिमला तक रेल से पहुंच रहे हैं। कालका से पहली ट्रेन सुबह-सुबह 4 बजे शिमला के लिए रवाना हुई, जो सुबह साढ़े नौ बजे शिमला पहुंची। इसके अलावा रेल मोटर, शिवालिक ट्रेन यात्रियों को लेकर कालका से शिमला पहुंचीं।
इसी तरह शिमला से पहली ट्रेन हिमालय क्वीन ट्रेन कालका के लिए सुबह 10.35 पर निकली। दूसरी ट्रेन दोपहर 2.25 बजे शिमला से चली। तीसरी रेल मोटर शिमला से दोपहर बाद 4.25 बजे कालका के लिए रवाना हुई। इसके बाद शिवालिक एक्सप्रेस ट्रेन शिमला से दोपहर बाद 5.40 बजे कालका के लिए निकली। रेल सेवा बहाल होने से पर्यटक गदगद हैं।
मंगलवार को ट्रेन से शिमला पहुंचे पर्यटकों ने बताया कि इस धरोहर रेल मार्ग पर सफर करके उन्हें काफी अच्छा अनुभव हुआ और रेल सेवाएं फिर से बहाल होने से पर्यटकों को शिमला पहुंचने में सुविधा मिलेगी। रेल सेवा बहाल होने से शिमला के पर्यटन कारोबार को पंख लगने के आसार हैं।
दरअसल भारी बारिश के कारण रेल ट्रैक पर जगह-जगह भूस्खलन होने के चलते रेल सेवा आठ जुलाई से बंद थी। जगह-जगह हुए भूस्खलन की वजह से रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया था और तब से रेल सेवा पूरी तरह ठप थी।
इसके बाद शिमला के समरहिल के पास बीते 14 अगस्त को भारी भूस्खलन के कारण रेलवे ट्रैक हवा में लटक गया था। इसे ठीक करने में रेलवे को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रेल मंत्रालय ने ट्रैक की मरम्मत और जीर्णाेद्धार के लिए 15 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। बीते रविवार और सोमवार को ट्रैक पर ट्रायल भी सफल रहा, जिसके बाद सोमवार शाम को 50 यात्रियों को लेकर पहली ट्रेन शिमला पहुंची।
बता दें कि 96 किलोमीटर के इस ट्रैक पर चलने वाली टॉय ट्रेन 18 स्टेशनों, 102 सुरंगों और 988 पुलों से होकर गुजरती है। इस रेल मार्ग में सफर करने वाले यात्रियों को देवदार, ओक और देवदार के पेड़ों से ढकी लुभावनी घाटियाँ दिखाई देती हैं।