शिमला, 08 अक्टूबर। कांस्टेबल से पदोन्नत हुए ए.एस.आई. को डिमोट कर दोबारा कांस्टेबल बनाया गया है। प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिये हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सुरक्षा में तैनात था। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि प्रदेश उच्च न्यायालय के 14 जुलाई को पारित विकास बनाम स्टेट मामले के आदेशों और 26 अगस्त, 2023 को डिपार्टमेंट प्रोमोशन कमेटी के रिव्यू के बाद यह फैसला लिया गया है। जिसके तहत 5 जनवरी, 2021 को कांस्टेबल भूपिंद्र कुमार (अब एएसआई) को हैड कांस्टेबल के पद पर जारी पदोन्नति आदेश को वापिस ले लिया गया है और तत्काल प्रभाव से कांस्टेबल के पद पर वापिस भेज दिया गया है।
मामले के अनुसार 8 दिसम्बर, 2020 को तत्कालीन सरकार ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पी.एस.ओ. को हैड कांस्टेबल बनाने के लिए स्थाई आदेश जारी किए थे, जिसके तहत मुख्यमंत्री के पी.एस.ओ. को पदोन्नत करने का प्रावधान करते हुए शर्त रखी थी कि जिस कांस्टेबल ने तीन साल से अधिक का समय मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगाया हो, उसे विशेष रियायत के 10 प्रतिशत कोटे के तहत हैड कांस्टेबल बनाया जाएगा। एक शर्त यह भी थी की एक साल में केवल एक कांस्टेबल को पदोन्नत किया जाएगा। यह रियायत केवल मुख्यमंत्री के पी.एस.ओ. तक ही सीमित की गई थी।
इस पर हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की सुरक्षा में तैनात पी.एस.ओ. ने उपरोक्त स्थाई आदेशों का लाभ केवल मुख्यमंत्री के पी.एस.ओ. तक सीमित करने को गैर-कानूनी ठहराते हुए उन्हें भी विशेष रियायत में शामिल करते हुए पदोन्नति का लाभ देने के लिए याचिका दायर की थी। जिस पर 18 जुलाई को हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज करने के साथ साथ सरकार के स्थाई आदेशों को भी अवैध ठहराते हुए खारिज कर दिया था।
प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों को कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल पदोन्नत करने संबंधी रियायती आदेशों को अवैध ठहराया है। इन्हीं आदेशों के तहत मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात पी.एस.ओ. की प्रोमोशन को भी तत्काल प्रभाव से वापिस ले लिया गया है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने बताया कि इस संबंध में उनके कार्यालय द्वारा आदेश जारी कर दिए गए है और भूपिंद्र कुमार की पदोन्नति आदेश को वापिस लेते हुए उन्हें कांस्टेबल के पद पर वापिस भेज दिया गया है।