शिमला, 12 अक्टूबर। देश में जातिगत मतगणना पर छिड़ी बहस के बीच हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल का बयान सामने आया है। शुक्ल ने जातिगत मतगणना की आलोचना की है। उनका कहना है कि इस तरह के मुद्दे उठाकर कुछ लोग देश को तोड़ने में लगे हैं। हालांकि उन्होंने इस बयान के दौरान किसी भी राजनीतिक दल का जिक्र नहीं किया।
शिमला में एक पुस्तक के विमोचन के दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि दुनिया आज भारत की तरफ देख रही है, जबकि भारत कर कुछ लोग देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जातिवाद को बढ़ावा देकर लोकतंत्र को सशक्त नहीं किया जा सकता है। समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया की पंक्तियों दाम बांधो जाति तोड़ो का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि समाज को जोड़ने की आवश्यकता है न कि जाति के आधार पर बांटने की। राज्यपाल का यह बयान उस समय आया है जब सीडब्लयूसी की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत मतगणना करवाने का प्रस्ताव पारित हुआ है। इस प्रस्ताव के बाद कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में भी जाति आधारित जनगणना होनी है।
जाति आधारित जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि हिमाचल में सभी को जातियों का पता है। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, जो फॉर्मेलिटी है, वह कर रहे हैं. हिमाचल में तो वैसे भी सब लोगों को पता होता है।
दूसरी ओर भाजपा के नेता जाति आधारित मतगणना का पुरजोर विरोध कर इसे लोगों विशेषकर हिंदु समाज को बांटने की कवायद बता रही है।
पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम में राज्यपाल ने दिया बयान
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार सांय राजभवन में शशांक मणि की पुस्तक ‘मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया’ का विमोचन किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। इस दौरान राज्यपाल ने शशांक मणि के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ‘मिडिल ऑफ डायमंड इंडिया’ पुस्तक के माध्यम से भारत के आर्थिक, सामाजिक और राजनीती के केंद्र को उच्च वर्ग से देश के उभरते हुए मध्यम वर्ग की तरफ ले जाने का एक साहसिक प्रयास किया है, वहीं दूसरी तरफ जातिगत जनगणना कर वोट के लिए कुछ लोग देश को तोड़ने में लगे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक हाशिए पर रहने वाले उन लोगों की अनसुनी कहानियों को उजागर करती है जिन्हें उनके स्थान और भाषा के कारण लंबे समय तक नजरअंदाज किया गया है।