“पीएम विश्वकर्मा” योजना से पारम्परिक और ग्रामीण कारीगरों के हुनर को मिलेगी नई उड़ान : धनसिंह रावत

शिमला, 20 अक्टूबर। नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई “पीएम विश्वकर्मा” योजना से पारम्परिक और ग्रामीण कारीगरों के हुनर को नई दिशा और गति मिलेगी। इस योजना से देश के लाखों कारीगर लाभान्वित और कुशल होगें। यह बात उतराखण्ड के कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने “पीएम विश्वकर्मा” योजना पर आयोजित कार्यशाला के बाद पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि भारत की पारम्पारिक कला और कारीगरों को अपने हुनर और प्रतिभा को विश्वमंच पर दिखाने के अवसर प्राप्त होगेें।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता महेन्द्र धर्मानी ने कहा कि इस योजना से मोदी सरकार विश्वकर्मा साथियों के सामथ्र्य और समृद्धि बढ़ाने के लिये सहयोगी साबित होगीं। हजारों वर्षों की अपने देश की पारम्पारिक तकनीक और कुशलता के संरक्षण और संवर्धन के लिये यह योजना मददगार और सहायक सिद्ध होगीं। 

महेंद्र धर्माणी ने कहा कि इस योजना में 18 अलग-2 तरह के काम करने वाले विश्वकर्मा (कारीगरों) को शामिल करके लाभ देने की योजना केन्द्र सरकार ने प्रारम्भ की है। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर अपने हुनर से अपनी कला की परम्परा का संरक्षण करने वाले बढई, लोहार, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, धोबी, राज मिस्त्री, नाई, माला बनाने वाला, कपडे का काम करने वाला, अन्य लोगो को शामिल करने का निर्णय ऐतिहासिक है।

उन्होंने कहा इस योजना के लिये 13 हजार करोड़ रू बजट का प्रावधान केन्द्र सरकार द्वारा किया गया है, जो स्वागत योग्य है। इस योजना से हस्त व मशीन तथा परम्परागत रूप से काम करने वाले लोगों को मोदी सरकार 500 रू रोजाना भत्ता देगी। कारीगरों को आधुनिक औज़ार भी प्रदान किये जायेगें, जिसके लिए 15000 को वाउचर भी दिया जाऐगा। 

महेन्द्र धर्मानी ने कहा “पीएम विश्वकर्मा” योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा “वोकल फॉर लोकल” को मजबूती प्रदान करेगी और भारत की परम्परा और हुनर को संरक्षण प्रदान करके देश की आर्थिकी को सुदृढ करेगी।

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