शिमला, 23 अक्टूबर। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को ‘पुनर्वास’ योजना के तहत जिला मंडी के 3800 आपदा प्रभावित परिवारों को प्रथम चरण में पहली किश्त के रूप में 31 करोड़ रुपए की धनराशि आबंटित की। विशेष राहत पैकेज के तहत उन्होंने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपए तथा अन्य प्रभावितों को मुआवजे की पूरी धनराशि प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हिमाचल प्रदेश इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है। कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसी तबाही आएगी। उन्होंने इस तबाही को स्वयं देखा और इसे युद्ध की तरह लड़ने का फैसला किया। इस अभूतपूर्व चुनौती का सामना करने के लिए सभी मंत्रियों और विधायकों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस व अन्य कर्मचारियों ने एकजुटता का परिचय दिया। प्रदेश में फंसे 75 हजार पर्यटकों को एक मिशन के रुप में सुरक्षित निकाला गया। 48 घंटों में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं को अस्थाई रूप से बहाल किया। आपदा से प्रदेश में 12000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके साथ-साथ राजस्व को भी हानि हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित 16 हजार परिवारों का पुनर्वास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने आपदा राहत कोष बनाया जिसमें ऐतिहासिक 230 करोड़ रुपए जमा करवाए जा चुके हैं, जो प्रदेश की संस्कृति और लोगों में परोपकारी भाव को दर्शाता है। बच्चों ने अपनी गुल्लक तक आपदा राहत कोष के लिए दे दी। कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन दिया, लेकिन ऐसे समय में भाजपा के नेता राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 10 हजार करोड़ रुपए के क्लेम केंद्र सरकार को भेजे हैं तथा जल्द ही 2 हजार करोड़ के क्लेम और भेजे जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावितों के घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को सात लाख रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का कनेक्शन राज्य सरकार फ्री प्रदान करेगी और घर निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर 280 रुपए प्रति बैग की दर से दिया जा रहा है। इसके अलावा कच्चे व पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है।