शिमला, 01 नवंबर। प्रदेश में इंतकाल के लम्बित मामलों की समस्या का समाधान करने के लिए प्रदेश भर में 30 व 31 अक्टूबर को विशेष इंतकाल अदालतों का आयोजन किया गया। इन इंतकाल अदलतों में प्रदेशभर में इंतकाल के लंबित 41907 मामलों में से 31105 का निपटारा कर दिया गया। खास बात यह रही कि दो दिनों के भीतर ही 74.22 प्रतिशत लंबित मामलों का निपटारा कर दिया गया। एक सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिला में इन दो दिनों के दौरान सबसे अधिक 90.78 प्रतिशत मामलों का निपटारा किया गया। यहां लंबित 1943 मामलों में से 1764 में इंतकाल दर्ज किये गए। किन्नौर जिला में 90.75 प्रतिशत मामलों का निपटारा हुआ तथा यहां कुल लंबित 400 में से 363 मामलों में इंतकाल दर्ज किए गए जबकि ऊना जिलामें 89.12 प्रतिशत मामलों में इंतकाल दर्ज हुए। यहां 3670 लंबित मामलों में से 3271 इंतकाल सत्यापित किए गए। प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि गुडगवर्नेस के लिए गुड गवर्मेंट का होना आवश्यक है। प्रदेशभर में लंबित इंतकाल के मामलों से लोग बहुत परेशान थे और वर्षों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे थे। ऐसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष इंतकाल अदालतें लगाने का निर्णय लिया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि जिला कांगड़ा निवासी मीना देवी ने दो दिवसीय विशेष इंतकाल अदालतों के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का आभार आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका मामला वर्ष 1996 से लंबित था। लेकिन वर्तमान सरकार की इस पहल से वर्षों का काम चंद मिनटों में ही पूरा हो गया। वहीं ऊना निवासी गुरचरण सिंह ने कहा किइस विशेष इंतकाल अदालत का लाभ उन्हें भी मिला है। काफी वर्ष पहले उन्होंने इंतकाल के लिए आवेदन किया था, जो काफी समय से लंबित था, लेकिन अब दोनों भाइयों के नाम पर इंतकाल सत्यापित हो गया है। इसी तरह मण्डी निवासी मनजीत ने भी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस विशेष प्रयास की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि इंतकाल दर्ज कराने के लिए काफी समय से उन्हें कार्यालयों में चक्कर काटने पड़ रहे थे, लेकिन मण्डी में लगी विशेष इंतकाल अदालत में चंद मिनटों में ही उनका काम पूर्ण हो गया। वहीं चम्बा निवासी देवेश वर्मा ने भी राज्य सरकार का विशेष इंतकाल अदालत के आयोजन के लिए आभार जताया है।