जाइका की फंडिंग से किन्नौर के श्यासो गांव में बना 76 हजार लीटर का वाटर स्टोरेज टैंक

शिमला, 08 नवंबर। प्रदेश के शीत मरूस्थल क्षेत्रों में हरियाली लाने के लिए जाइका परियोजना की पहल का परिणाम सामने आने लगा है। जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी यानी जाइका वानिकी परियोजना के तहत जिला किन्नौर के श्यासो गांव में 76 हजार लीटर की क्षमता वाला सिंचाई जल भंडारण टैंक तैयार किया गया। जाइका प्राजेक्ट के तहत 76 हजार लीटर वाटर स्टोरेज टैंक निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 6 लाख रुपये का खर्चा आया।

जाइका की ओर से 5 लाख का बजट दिया गया और एक लाख का काम वहां के स्थानीय लोगों ने श्रमदान के माध्यम से किया। ऐसे में अब इस क्षेत्र में जल भंडारण टैंक के होने से पौधरोपन के बाद उन्हें सींचने में पानी की कमी नहीं सताएगी। इसके साथ-साथ इस वाटर स्टोरेज टैंक का लाभ वहां के लोगों की भूमि सुधार में भी मिलेगा। यही नहीं, बल्कि यहां कृषि योग्य भूिम पर कृषि भी हो पाएगी।

जाइका प्रोजेक्ट के माध्यम से जल भंडारण टैंक बना तो लोगों ने खेतों तक सिंचाई जल की सप्लाई के लिए कुहलों का निर्माण भी कर दिखाया। इस परियोजना के तहत वहां की महिलाओं की आर्थिकी के सुधार के लिए स्वयं सहयाता समूह का गठन कर प्रशिक्षण का आयोजन एवं मशीनरी खरीदने में आर्थिक सहायता प्रदान कर रहा है।
दरअसल इस गाव में इससे पहले सिंचाई के लिए इस तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। जाइका परियोजना ने यहां टैंक निर्माण कर किसान एवं बागवानों को बेहतर सुविधा दी।
जाइका के वानिकी एवं जैव विविधता विशेषज्ञ डा. सुशील काप्टा ने बताया कि
हाल ही में हमारी टीम ने जिला किन्नौर के श्यासो गांव में निर्मित 76 हजार लीटर की क्षमता के जल भंडारण टैंक का निरीक्षण किया। जाइका परियोजना के तहत क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों से यहां के लोगों में काफी उत्साह है, जाइका परियोजना से लोगों को लाभ मिल रहा है। दूरदराज गांव श्यासो में वाटर स्टोरेज टैंक होने से यहां के किसान एवं बागवानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी।

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