शिमला, 14 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों आई आपदा के दौरान नदियों में अवैध खनन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हुआ और इसके बाद क्रशर चलने पर भी रोक लगा दी गई। मगर अब प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य सरकार क्रशर चलाने की अनुमति देने की तैयारी में है। दरअसल स्टोन क्रशर बंद होने से जहां राज्य सरकार को रोजाना करीब 40 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है, वहीं, हजारों लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मंगलवार को पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि इस मामले को लेकर बनाई गई सब कमेटी ने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और मुख्यमंत्री एक से दो दिनों में इस पर फैसला भी ले लेंगे।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आपदा के दौरान नदियों के आसपास भयंकर नुकसान हुआ और कुछ लोगों का मानना था कि आपदा के लिए खनन भी जिम्मेदार है, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने फैसला लेते हुए खनन पर निगरानी रखते हुए क्रशर बंद करने का फैसला लिया था।
उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार ने सब कमेटी का गठन भी किया था जिसने मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने कहा कि क्रशर बंद होने से प्रदेश में निर्माण कार्यों को नुकसान पहुंच रहा है। इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी आग्रह किया था कि सड़कों के निर्माण के लिए रोड की कमी आ रही है और ऐसे में क्रशर खोलने की जरूरत है।
हाटी समुदाय को जनजाति दर्जा देने सम्बंधी केंद्र सरकार के फैसले पर हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि केंद्र सरकार से आई अधिसूचना में विरोधाभास है, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने केंद्र से इन अधिसूचनाओं को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अभी तक स्पष्टीकरण नहीं आया है और जैसे ही केंद्र अधिसूचनाओं को लेकर स्पष्टीकरण देगा प्रदेश में ट्रांस गिरी पर इलाके के हाटी समुदाय को एसटी दर्ज देने के फैसले को प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
हर्षवर्धन चौहान ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपनी दुकान चलाने के लिए सरकार के विरोध में बोल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी इतने समय में बल्ब ट्रक पार्क का काम तेजी से आगे बढ़ाया है, वहीं दूसरे विकास के काम भी तेजी से सरकार कर रही है लेकिन भाजपा के पास खाने को कुछ नहीं है लिहाजा सरकार का विरोध कर रहे हैं। दरअसल नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार राज्य में विकास के कार्य नहीं कर रही है।