खबरों की सुर्खियों में बने रहने के लिए ब्यानबाजी कर रही सुक्खू सरकार : महेंद्र धर्माणी

शिमला, 21 नवम्बर।  भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की सुक्खू सरकार पर खबरों की सुर्खियों में बने रहने के लिए बयानबाजी करने का आरोप लगाया है।  

भाजपा प्रवक्ता महेंद्र धर्माणी ने मंगलवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान को विशुद्ध राजनीतिक बयान मान करके उसकी आलोचना करती है, क्योंकि स्टार्टअप के बहाने जो बयान उन्होंने दिया है वह केवल और केवल राजस्थान के चुनाव को प्रभावित करने के लिए है। 

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि कांग्रेस  सरकार ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले जो 10 गारंटीयां दी थी, उसकी गारंटी नंबर 4 ,जो हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने पर 5 लाख युवाओं को रोजगार दिया जायगा और रोज़गार भी सरकारी रोज़गार कहा गया था। अगर हम 5 साल सरकार का समये लेकर के चलें तो 1 साल यानी 11 माह के अंदर 1 लाख रोज़गार होता हैं और यह भी कांग्रेस के नेताओं ने कहा था कि कैबिनेट की पहली बैठक में 1 लाख  सरकारी रोज़गार हम युवाओं को देंगे।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का यह स्पष्ट आरोप है कि सुक्खू सरकार झूठ के सहारे केवल और केवल अखबारी बयानबाजी कर रही है और प्रदेश और देश को गुमराह करने का काम कर रही है। जिस स्टार्टअप की बात मुख्यमंत्री ने कही है, उसके लिए जो इनफ्रास्ट्रक्चर चाहिए और जो मूलभूत सुविधाएं चाहिऐ उसकी अभी तक कोई भी योजना प्रदेश सरकार ने नहीं की है। 

उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश में रोज़गार कार्यालय में है। 18 से लेकर के 35 साल तक के जो पढ़े लिखे युवा हैं, जो 12वीं से ग्रेजुएट तक हैं, उनका आंकड़ा ही 9 लाख है और सुक्खू सरकार एक बार फिर झूठी बयानबाजी करके प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। 

महेंद्र धर्माणी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का यह स्पष्ट मत है कि 11 माह के अंदर सुखविन्दर सिंह सुक्खू की सरकार ने 12,000 करोड़ रूपये का रिकाॅर्ड तोड़ कर्ज लेकर इस प्रदेश के ऊपर उन्होंने आर्थिक बोझ डाला है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अव्यवस्था का आलम है। निर्णय  सुबह होते हैं और शाम को पलटते हैं। सरकार कहती है की सही किया है और जो गलत हो गया तो उसको ठीक करने का काम करते है, 

महेंद्र धर्माणी ने कहा कि यह तो तय हो कि पहले का निर्णय किस ने लिया था? अधिकारियों ने अपनी मर्जी से यह निर्णय लिया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय से होकर के यह फाइल गयी थी, फिर उसको बदला गया। 

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