शिमला, 26 नवम्बर। श्रमिक संगठन सीटू ने राज्य में होने वाली वन विभाग में दो हज़ार से अधिक वन मित्रों की भर्ती में आरक्षण का प्रावधान न होने पर चिंता जताई है। सीटू ने मुख्यमंत्री से इन भर्तियों में आरक्षण लागू करने की मांग की है। सीटू ने आरक्षण का प्रावधान न करने पर कोर्ट जाने की भी चेतावनी दी है।
रविवार को शिमला स्थित चौड़ा मैदान में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संगठनों ने मांगो को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सीटू के राज्यसचिव जगत राम ने वनमित्र की भर्तियों में आरक्षण की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष उठाई।
जगत राम ने मुख्यमंत्री के समक्ष भर्तियों में आरक्षण को ठीक ढंग से लागू करने की मांग को उठाते हुए कहा कि प्रदेश में आरक्षण सही प्रकार से लागू नही हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने 2061 वन मित्र की भर्तियां निकाली गई हैं जिसमे आरक्षण लागू नही किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट फ़ाइल किया है कि 40 दिन से ऊपर जैसे भी भर्ती हो उसमें आरक्षण लागू होना चाहिए।
जगतराम ने कहा कि अगर इन भर्तियों में आरक्षण को लागू नहीं किया जाता तो उच्च न्यायालय में इसके विरोध में जाएंगे और इस पर स्टे लिया जाएगा।
आंगनबाड़ी और मिड डे मील कर्मियों ने की नियमित करने की मांग
सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी व मिड डे मील ने वेतन विसंगति व नियमतिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मांग पत्र सौंपा। लम्बे समय से मिड डे मील व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता इस मांग को लेकर संघर्षरत है।
आंगनबाड़ी हैल्पर वर्कर यूनियन महासचिव वीना शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार के समक्ष उन्होंने नियमतिकरण की मांग सहित ग्रेच्यूटी का मुद्दा उठाते हुए ज्ञापन सौंपा है। साथ ही हरियाणा की तर्ज पर वेतन प्रदान किये जाने की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गयी है।
उन्होंने कहा कि अगस्त माह में आंगनबाड़ी भर्ती में हेल्पर्स की पदोन्नति को लेकर संशोधन किया है उस संशोधन में सुधार कर पुराने नियम को लागू किया जाए।पेंशन की मांग भी उठाई गई है। इसके साथ ही प्री प्राइमरी में आंगनवाड़ी की नियुक्ति की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई है और सरकार से उम्मीद है कि इन मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा।
सीटू के राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के समक्ष आज आंगनबाड़ी व मिड डे मील की मांगों को लेकर प्रतिनिधिनिधिमण्डल मिला है और मांग उठाई गई है कि आंगनवाड़ी वर्कर का नियमितीकरण होना चाहिए। उन्हें ग्रेच्युटी की सुविधा प्रदान की जाए। आंगनवाडी में हेल्पर की भर्ती के लिए जो संशोधन किया गया जिसमें पदोन्नति की आयु सीमा बधाई गई है।उस संशोधन को वापिस लिया जाए। जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए माना है कि इस पर जल्द विचार कर इसे दुरुस्त किया जाएगा। वहीं मिड डे मील के एडजस्टमेंट और नियमतिकरण पर भी मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है।