सूबे के 56 अस्पतालों में शुरू होगी स्वास्थ्य सूचना प्रबन्धन प्रणाली: सुक्खू

शिमला, 11 जनवरी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य सूचना प्रबन्धन प्रणाली समयबद्ध शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरम्भिक स्तर पर यह प्रणाली प्रदेश के 56 अस्पतालों में शुरू की जाएगी, जिससे चिकित्सकों को क्लाउड आधारित सर्वर से रोगियों के सम्पूर्ण चिकित्सा विवरण उपलब्ध हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को घर-द्वार पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत स्वास्थ्य संस्थानों में नवीनतम प्रौद्योगिकी का समावेश कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सूचना प्रबन्धन प्रणाली इस दिशा में एक मील पत्थर साबित होगी। इससे रोगियों को पर्ची तथा अन्य मेडिकल टेस्ट से संबंधित दस्तावेज या उनकी छायाप्रतियां साथ ले जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी और उन्हें निर्बाध चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि चिकित्सक भी एक क्लिक पर रोगी का मोबाइल नम्बर अंकित करते ही उसके स्वास्थ्य के बारे में आवश्यक सूचना प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में डिजिटल स्वास्थ्य कार्ड बनाने का लक्ष्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा और अभी तक 73 प्रतिशत कार्ड बनाए जा चुके हैं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की भी गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं और अभी तक ऐसे 35 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान राज्य में स्थापित हो चुके हैं जहां 6 विशेषज्ञ डॉक्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने शेष 33 संस्थानों में भी शीघ्र ही इन विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी शिमला, अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियेलिटी चमियाणा (शिमला) और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी सुविधा शुरू करने के लिए जारी प्रक्रिया की भी समीक्षा की। उन्होंने यह सुविधा जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए ताकि लोगों को इसका लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल ढांचे के आधुनिकीकरण तथा डिजिटलीकरण से गुणात्मक सेवाएं सुनिश्चित हो सकेंगी।

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