शिमला, 16 जनवरी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदेश के स्कूलों-कॉलेजों में गेस्ट टीचर की भर्ती का पुरजोर विरोध किया है। परिषद ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मंगलवार को शिमला में उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए
गेस्ट टीचरों की भर्ती के फैसले को जल्द वापिस लेने की गुहार लगाई है। इस दौरान एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
एबीबीपी के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में स्कूल और कॉलेजों में पीरियड आधार पर 2600 गेस्ट टीचरों की भर्ती का फैसला लिया है। इसके तहत छठी कक्षा से कालेज तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा इन्हें दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गैप अरेंजमेंट के नाम पर स्कूली स्तर से कॉलेज स्तर तक अब गेस्ट टीचरों के भरोसे छात्रों को पढ़ाया जाएगा। यह व्यवस्था शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों व सालों की मेहनत के बाद नेट, सेट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के स्वपन लिए युवाओं के साथ धोखा है। गेस्ट टीचरों के नाम पर प्रदेश के हजारों युवाओं को उनकी शिक्षा पूर्ण करने के बाद में स्थाई तौर से रोजगार ना देकर प्रदेश सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है। जबकि कांग्रेस ने सत्तासीन होने से पहले लाखों नौकरियां देने का वायदा किया था।
उन्होंने कहा कि तबादले या सेवानिवृत्ति से खाली हुए पदों पर गेस्ट टीचरों को नियुक्त किए जाने की बात की जा रही है। इससे हिमाचल विश्वविद्यालय के अंदर सालों की मेहनत के बाद नौकरी पाने का एक मौका खोज रहे हज़ारों छात्रों को ठेस पहुंची है और वे अपने भविष्य को लेकर सदमे में हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में जब से वर्तमान की सरकार आई है, तब से ही चाहे वह व्यवस्था परिवर्तन ने नाम पर शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग व निर्णय लिए जा रहे हैं। इन निर्णयों से यह साफ दिखता है कि प्रदेश के शिक्षा को किराए में देने का प्रयास हो रहा है और प्रदेश सरकार अपना समय निकालने की मंशा से कार्य कर रही है।
आकाश नेगी ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने अगर जल्द इस फैसले को वापिस नहीं लिया तो विद्यार्थी परिषद प्रदेश के खिलाफ प्रदेश स्तरीय उग्र आंदोलन करेगी।