सुक्खू राज में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम का आगाज़, मुख्यमंत्री के विधानसभा हल्के से हुई शरुआत

शिमला, 17 जनवरी। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुक्खू सरकार लोगों की समस्याओं का निपटारा करने के ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम लेकर आई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन के तहत गलोड़ से इस कार्यक्रम का आगाज किया। यह कार्यक्रम आगामी 12 फरवरी तक चलेगा और इसके तहत मंत्री व विधायक सभी 68 विधानसभा हलकों में पहुंचकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। गलोड़ में मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित पहले कार्यक्रम के दौरान 87 शिकायतें प्राप्त हुईं। मुख्यमंत्री ने सभी शिकायतों को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर अपलोड करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, ताकि लोगों की समस्याओं का निपटारा उनके घर-द्वार पर किया जा सके। इस दौरान राज्य सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों से भी लोगों को अवगत करवाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार के सभी मंत्री सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाएंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों तक जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही उनकी सोच गांव तक पहुंचने की रही है। हिमाचल के गांवों में 90 प्रतिशत आबादी बसती है तथा आने वाले बजट में गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गांव की आत्मनिर्भरता से ही आत्मनिर्भर हिमाचल की परिकल्पना साकार होगी। अगले 10 वर्षों में हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों की अनदेखी की और हमेशा के लिए प्रोजेक्ट दे दिए गए। इस मसले पर भी वह केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मिले हैं। वर्तमान सरकार हिमाचल के हितों को किसी भी कीमत पर बेचने नहीं देगी। राज्य सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव कर रही है जो जन सहयोग से ही पूरा हो सकते हैं। योजनाओं के लिए बजट प्रावधान करने के बाद ही उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से दूध खरीद का रेट 32 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 38 रुपए कर दिया है तथा उन्हें आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए एक योजना लाने जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न सरकारी विभागों में 20 हजार पद भर रही है। इसके साथ-साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए ई-टैक्सी तथा सौर ऊर्जा से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। प्रदेश में 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। एकल नारी एवं विधवाओं को घर बनाने के लिए राज्य सरकार 1.50 लाख रुपए की सहायता प्रदान करेगी, जिसके लिए वार्षिक आय 3 लाख रुपये निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार अगले बजट में विशेष बच्चों के लिए स्कूल एवं कॉलेज खोलने का भी प्रावधान करेगी।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रत्येक माह के अंतिम दो दिनों में लंबित राजस्व मामलों के निपटारे के लिए राजस्व लोक अदालत लगाई जा रही है। इसमें अब तक इंतकाल के 65000 से अधिक तथा तकसीम के साढ़े तीन हजार से अधिक लम्बित मामलों का निपटारा किया गया है। पहली बार राजस्व विभाग में किसी सरकार ने इस दिशा में गंभीरता से प्रयास किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गलोड़ तहसील के अंतर्गत राजस्व अदालतों में इंतकाल के लंबित 273 मामलों में से 266 तथा तकसीम के लंबित 115 में से 60 मामलों का निपटारा किया गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने नादौन विधानसभा क्षेत्र के तहत 3.43 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले कापड़ा पुल, 1.35 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाहल तथा 1.10 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली फाहल-कोटलु पेयजल योजना की आधारशिला भी रखी।

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